बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी: भजन (Balaji Mhara Kasht Niwaro Ji)

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥


बालाजी प्रभु राम जी का प्यारा जी,

म्हारी विनती सुन लीजो,

बाबा थाने पुकारा जी ॥


लंका में जाकर आग लगाई जी,

सागर में जाकर के,

बाबा पूंछ बुझाई जी ॥


थाने रामनाम की धुन अच्छी लागे जी,

सूती किस्मत बाबा,

थारे नाम से जागे जी ॥


दुखड़ा में बाबो दोड़्यो ही आवे जी,

हम सब पर मेहर करो,

थारी महिमा गावा जी ॥


बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,

दुखड़ा का मारया हाँ,

म्हणे आन उबारो जी ॥

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चल रे कावडिया शिव के धाम: भजन (Chal Re Kanwariya Shiv Ke Dham)

चाहे छाए हो बादल काले,
चाहे पाँव में पड़ जाय छाले,

विष्णुशयनी एकादशी एवं चातुर्मास व्रत (Vishnushayanee Ekaadashee Evan Chaaturmaas Vrat)

इस एकादशी का नाम विष्णुशयनी भी है। इसी दिन विष्णुजी का व्रत एवं चातुर्मास्य व्रत प्रारम्भ करना विष्णु पुराण से प्रकट होता है।

नफरत की दुनिया में, हो गया जीना अब दुश्वार(Nafrat Ki Duniya Mein Ho Gaya Jeena Ab Dushwar)

नफरत की दुनिया में,
हो गया जीना अब दुश्वार,

सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप की(Sari Duniya Hai Diwani Radha Rani Aapki)

सारी दुनियां है दीवानी,
राधा रानी आप की,

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