हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम (Hum Sab Bolenge Happy Birthday To You Shyam)

रंगी गुब्बारो से मंडप सजाया है,

मिशरी मावे का एक केक मंगाया है,

इसको चखेगा श्याम तू तू तू तू,

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू,

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम,

भक्त बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू ॥


एक बरस पूरा हुआ इंतज़ार का

आया है जन्मदिन मदन मुरार का,

भादो की अष्टमी है मौसम बहार का,

सपना हुआ है पूरा दिल बेकरार का,

अब कैसे चुप मैं रहु रहु रहु रहु,

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू,

हम सब बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम,

भक्त बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू ॥


तोहफा तुम्हारे लिए कुछ भी ना लाए है,

दर्शन दिखाते रहना कहने यह आए है,

प्राण हुमारा है तू ओह रे साँवरिया

तुमको लग जाए श्याम मेरी उमरियाँ

इसके सिवा और क्या तुझको दूं दूं दूं दूं,

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू,

हम सब बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम,

भक्त बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू ॥


दुनियाँ दीवानी तेरे पीछे तो मेला है,

इस जब मैं श्याम तेरा ‘लक्खा’ अकेला है

मुझसे निभाते रहना बस अपनी यारी को,

भूल ना जाना श्याम अपने बिहारी को,

और समझाऊं ज्यादा क्यों क्यों क्यों क्यों,

हम सब बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू,

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम,

भक्त बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू ॥


रंगी गुब्बारो से मंडप सजाया है,

मिशरी मावे का एक केक मंगाया है,

इसको चखेगा श्याम तू तू तू तू,

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू,

हम सब बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम,

भक्त बोलेंगे हैप्पी बर्थ डे टू यू ॥

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वृश्चिक संक्रांति का महत्व

वृश्चिक संक्रांति पौराणिक कथाओं के अनुसार एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योंहार है। यह हिंदू संस्कृति में सौर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान सूर्य जी की पूजा के लिए विशेष माना होता है। वृश्चिक संक्रांति के समय सूर्य उपासना के साथ ही मंगल ग्रह शांति एवं पूजा करने से मंगल ग्रह की कृपा होती है।

प्रभु श्रीराम की पूजा कैसे करें?

प्रभु श्रीराम हिंदू धर्म के आदर्श पुरुष और भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। उन्हें रामचन्द्र, रघुकुलनायक, और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में भी पूजा जाता है।

मेरे गणनायक तुम आ जाओ (Mere Gannayak Tum Aa Jao)

मेरे गणनायक तुम आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,

श्री शीतलनाथ चालीसा (Shri Sheetalnath Chalisa)

शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अधिकाय ।
कल्प वृक्ष सम प्रभु चरण, हैं सबको सुखकाय ।।

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