जय हो शिव भोला भंडारी (Jai Ho Shiv Bhola Bhandari Lela Aprampar Tumhari Bhajan)

जय हो शिव भोला भंडारी,

लीला अपरंपार तुम्हारी,

लेके नाम, तेरा नाम,

तेरे धाम आ गए,

तेरे भक्त पे संकट भारी,

रक्षा कीजिये हे त्रिपुरारी,

लेके नाम, तेरा नाम,

तेरे धाम आ गए,

॥ जय हो शिव भोला भंडारी...॥



मेरी विनती सुनो हे अवनाशी,

किरपा करदो प्रभु घट-घट वासी,

अब तो लेलो खबर हमारी,

तुम हो भक्तो के हितकारी,

लेके नाम, तेरा नाम,

तेरे धाम आ गए,

॥ जय हो शिव भोला भंडारी...॥


मेरी नैया फसी प्रभु मझधार में,

कोई तुमसा दयालु न संसार में,

माना पतित बड़ा भारी,

भोले आप हो मंगलकारी,

लेके नाम, तेरा नाम,

तेरे धाम आ गए,

॥ जय हो शिव भोला भंडारी...॥


आप के चरणों की धूल जो पाएंगे,

सारे बदल वो दुःख के झट जायेगे,

तूने उसकी बिपदा टाली,

आया शरण जो नाथ तुम्हारी,

लेके नाम, तेरा नाम,

तेरे धाम आ गए,


जय हो शिव भोला भंडारी,

लीला अपरंपार तुम्हारी,

लेके नाम, तेरा नाम,

तेरे धाम आ गए,

तेरे भक्त पे संकट भारी,

रक्षा कीजिये हे त्रिपुरारी,

लेके नाम, तेरा नाम,

तेरे धाम आ गए


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श्री शिव चालीसा

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान।।

सामा-चकेवा और मुढ़ी-बतासे

सामा-चकेवा मिथिलांचल में भाई-बहन के प्रेम और अपनत्व का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल सप्तमी से कार्तिक पूर्णिमा तक नौ दिन चलता है।

ओ मेरे गोपाल कन्हैया, मोहन मुरली वाले (O Mere Gopal Kanhaiya Mohan Murliwale)

ओ मेरे गोपाल कन्हैया,
मोहन मुरली वाले,

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

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