माँ दिल के इतने करीब है तू(Maa Dil Ke Itne Kareeb Hai Tu)

माँ दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए,

जो आँखे बंद करके माँ मैं देखूं,

तू ही तू मैया नज़र है आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


कोई है राजा है कोई भिखारी,

ये कैसी लीला है माँ तुम्हारी,

किसी को तरसाए एक दाना,

कही पे भंडार तू लगाए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


रोजाना दर पे लगे है मेले,

नसीब वाले तो जय माँ बोले,

कोई माँ लाया है तेरा चोला,

किसी की आँखों में नीर आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


कोई माँ सोने का हार लाया,

माँ कोई चांदी का छत्र लाया,

किसी ने चुनरी है माँ चढ़ाई,

कोई तो बदहाल दर पे आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥


माँ दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए,

जो आँखे बंद करके माँ मैं देखूं,

तू ही तू मैया नज़र है आए,

मां दिल के इतने करीब है तू,

जिधर भी देखूं नज़र तू आए ॥

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परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन (Parishram Kare Koi Kitana Bhi Lekin)

परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन,
कृपा के बिना काम चलता नहीं है ।

कालाष्टमी व्रत 2024

हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विशेष पूजा की जाती है, जो साधकों को विशेष कार्य में सफलता और सिद्धि प्रदान करते हैं।

आया बुलावा भवन से (Aaya Bulawa Bhawan Se)

आया बुलावा भवन से,
मैं रह ना पाई ॥

किसी के काम जो आये, उसे इन्सान कहते हैं (Kisi Ke Kam Jo Aaye Use Insan Kahte Hai)

किसी के काम जो आये,
उसे इन्सान कहते हैं ।

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