मेरे नैनों की प्यास बुझा दे

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे

माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

अपने चरणों का दास बना ले

माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)


शेर पे सवार मेरी शेराँ वाली माँ

पहाड़ों में बसी मेरी मेहरा वाली माँ

रूप हैं तेरे कई, ज्योता वाली माँ

नाम हैं तेरे कई, लाटा वाली माँ

जग जननी है मेरी भोली-भाली माँ, हो

(जग जननी है मेरी भोली-भाली माँ)

(जग जननी है मेरी भोली-भाली माँ)


दयालु तू है, माँ, क्षमा कर देती है

सभी के कष्टों को, माँ, तू हर लेती है

जयकारा शेराँ वाली दा (बोल, "साँचे दरबार की जय")


तू ही जग जननी है, तू ही जग पालक है

चराचर की, मैया, तू ही संचालक है

(तू ही संचालक है, तू ही संचालक है)


अपनी ज्योत में मुझको समा ले

माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे

माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)


दूर अब तुझसे, माँ, मैं ना रह पाऊँगा

प्यास तेरे दर्शन की, माँ, अब ना सह पाऊँगा

जयकारा शेराँ वाली दा (बोल, "साँचे दरबार की जय")


आसरा एक तेरा, बाक़ी सब सपना है

तेरे बिन, हे मैया, कोई ना अपना है

(कोई ना अपना है, कोई ना अपना है)


मेरे पैरों में पड़ गए छाले

अब तो मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

मेरे नैनों की प्यास बुझा दे

माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

अपने चरणों का दास बना ले

माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)

(माँ, तू मुझे दर्शन दे)


शेर पे सवार मेरी शेराँ वाली माँ

पहाड़ों में बसी मेरी मेहरा वाली माँ

रूप हैं तेरे कई, ज्योता वाली माँ

नाम हैं तेरे कई, लाटा वाली माँ

जग जननी है मेरी भोली-भाली माँ, हो


जय माँ

(नाम हैं तेरे कई, लाटा वाली माँ) हो, माँ

(जग जननी है मेरी भोली-भाली माँ)

(जग जननी है मेरी भोली-भाली माँ) शेराँ वाली माँ

(जग जननी है मेरी भोली-भाली माँ) मेहरा वाली माँ

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क्या करे इन हाथों का, इतने इतने हाथ (Kya Karein In Hathon Ka Itne Itne Haath)

क्या करे इन हाथों का,
इतने इतने हाथ,

आमलकी एकादशी पूजा विधि

फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर आमलकी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व है।

Heri Sakhi Mangal Gavo Ri..(हेरी सखी मंगल गावो री..)

चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे

चल काँवरिया, चल काँवरिया (Chal Kawariya, Chal Kawariya)

जय हो बैजनाथ
जय हो भोले भंडारी

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