प्रथम गणराज को सुमिरूं, जो रिद्धि सिद्धि दाता है (Pratham Ganraj Ko Sumiru Jo Riddhi Siddhi Data Hai)

जो रिद्धि सिद्धि दाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूँ,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


मेरी अरदास सुन देवा,

तू मूषक चढ़ के आ जाना,

सभा के मध्य आकर के,

हमारी लाज रख जाना,

हमारी लाज रख जाना,

करूँ विनती मैं झुक उनकी,

माँ गौरी जिनकी माता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


क्रिया ना मन्त्र मैं जानू,

शरण में तेरी आया हूँ,

मेरी बिगड़ी बना देना,

चढाने कुछ ना लाया हूँ,

चढाने कुछ ना लाया हूँ,

करूँ कर जोड़ नम नम के,

जो मुक्ति के प्रदाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


सुनो शंकर सुवन मुझको,

अबुद्धि ज्ञान दे जाओ,

अँधेरे में भटकते को,

धर्म की राह दिखलाओ,

धर्म की राह दिखलाओ,

‘अनिल’ विनती करे उनकी,

विनायक जो कहाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूं,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


जो रिद्धि सिद्धि दाता है,

प्रथम गणराज को सुमिरूँ,

जो रिद्धि सिद्धि दाता है ॥


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मकर संक्रांति पर अद्भुत संयोग

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कार्तिक पूर्णिमा के यम नियम

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श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye (शेर पे सवार होके आजा शेरावालिए)

शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये। (शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।)

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