प्रबल प्रेम के पाले पड़ के (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,

प्रभु का नियम बदलते देखा ।

अपना मान भले टल जाए,

भक्त का मान न टलते देखा ॥


जिनकी केवल कृपा दृष्टी से,

सकल विश्व को पलते देखा ।

उसको गोकुल के माखन पर,

सौ-सौ बार मचलते देखा ॥


जिनका ध्यान बिरंची शम्भू,

सनकादिक न सँभालते देखा ।

उसको बाल सखा मंडल में,

लेकर गेंद उछालते देखा ॥


जिनके चरण कमल कमला के,

करतल से ना निकलते देखा ।

उसको गोकुल की गलियों में,

कंटक पथ पर चलते देखा ॥


जिनकी वक्र भृकुटी के भय से,

सागर सप्त उबलते देखा ।

उसको माँ यशोदा के भय से,

अश्रु बिंदु दृग ढलते देखा ॥


प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,

प्रभु का नियम बदलते देखा ।

अपना मान भले टल जाए,

भक्त का मान न टलते देखा ॥

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हर सांस मे हो सुमिरन तेरा (Har Saans Me Ho Sumiran Tera)

हर सांस मे हो सुमिरन तेरा,
यु बित जाये जीवन मेरा,

वो है जग से बेमिसाल सखी

कोई कमी नही है, दर मैय्या के जाके देख।
देगी तुझे दर्शन मैय्या, तू सर को झुका के देख।

भानु सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा विधि

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर (Aiso Chatak Matak So Thakur)

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय

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