प्रबल प्रेम के पाले पड़ के (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,

प्रभु का नियम बदलते देखा ।

अपना मान भले टल जाए,

भक्त का मान न टलते देखा ॥


जिनकी केवल कृपा दृष्टी से,

सकल विश्व को पलते देखा ।

उसको गोकुल के माखन पर,

सौ-सौ बार मचलते देखा ॥


जिनका ध्यान बिरंची शम्भू,

सनकादिक न सँभालते देखा ।

उसको बाल सखा मंडल में,

लेकर गेंद उछालते देखा ॥


जिनके चरण कमल कमला के,

करतल से ना निकलते देखा ।

उसको गोकुल की गलियों में,

कंटक पथ पर चलते देखा ॥


जिनकी वक्र भृकुटी के भय से,

सागर सप्त उबलते देखा ।

उसको माँ यशोदा के भय से,

अश्रु बिंदु दृग ढलते देखा ॥


प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,

प्रभु का नियम बदलते देखा ।

अपना मान भले टल जाए,

भक्त का मान न टलते देखा ॥

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भगवान हनुमान जी की पूजा विधि

हनुमान जी की पूजा में विशेष मंत्रों और नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजन की शुरुआत गणपति वंदना से होती है, जिसके बाद हनुमान जी को स्नान, वस्त्र, आभूषण, सिंदूर, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है।

मासिक शिवरात्रि पर जरूर करें ये उपाय

शिव पुराण में मासिक शिवरात्रि की महिमा का उल्लेख मिलता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है।

मोहे मुरली बना लेना(Mohe Murli Bana Lena)

कान्हा मेरी सांसो पे,
नाम अपना लिखा लेना,

चैत्र नवरात्रि पूजा नियम

चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म के पावन त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है - चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कुछ नियमों का भी पालन करना होता है।

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