राम राज फिर से आयील बा (Ram Raj Fir Se Aayil Ba)

कब से लागल आस पुराइल,

सब जन के मनवा हरसाइल

दुनिया देखे घर घर में भगवा लहराइल बा

राम मंदिर में अइले,

राम राज अब फिर से आइल बा


बोलो राम राम राम

राजा राम राम राम

हरे राम राम राम

सीता राम राम राम


जग के पालनहार भला

कब तक ये साँसत सहते,

सब को महल में रखके खुद

तंबू में कब तक रहते,

पाए सिंहासन रघुवर अब शुभदिन भेंटाइल बा

राम मंदिर में अइले,

राम राज अब फिर से आइल बा


बोलो राम राम राम

राजा राम राम राम

हरे राम राम राम

सीता राम राम राम


कटे थे जितने सर इस युद्ध में

सबने था यह बोला,

राम के घर में देर भले हो

कबो अंधेर ना होला

बरिसन के संताप मिटल भगिया उजियाइल बा

राम मंदिर में अइले,

राम राज अब फिर से आइल बा


बोलो राम राम राम

राजा राम राम राम

हरे राम राम राम

सीता राम राम राम


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शंकर का डमरू बाजे रे: शिव भजन (Shankar Ka Damru Baje Re)

शंकर का डमरू बाजे रे,
कैलाशपति शिव नाचे रे ॥

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मोक्षदा एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं

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