सीता के राम थे रखवाले, जब हरण हुआ तब कोई नहीं: भजन (Sita Ke Ram The Rakhwale Jab Haran Hua Tab Koi Nahi)

सीता के राम थे रखवाले,

जब हरण हुआ तब कोई नहीं ॥


द्रोपदी के पांचो पांडव थे,

जब चीर हरण तब कोई नहीं,

दशरथ के चार दुलारे थे,

जब प्राण तजे कब कोई नहीं ॥


रावण भी बड़े शक्तिशाली थे,

जब लंका जली तब कोई नहीं,

श्री कृष्ण सुदर्शन धारी थे,

जब तीर चुभा तब कोई नहीं ॥


लक्ष्मण जी भी भारी योद्धा थे,

जब शक्ति लगी तब कोई नहीं,

सर शय्या पे पड़े पितामह थे,

पीड़ा का सांझी कोई नहीं ॥


अभिमन्यु राज दुलारे थे,

पर चक्रव्यूह में कोई नहीं,

सच है ‘देवेंद्र’ दुनिया वाले,

संसार में अपना कोई नहीं ॥


सीता के राम थे रखवाले,

जब हरण हुआ तब कोई नहीं ॥

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मगन ईश्वर की भक्ति में (Magan Ishwar Ki Bhakti Me Are Mann Kiyon Nahin Hota)

मगन ईश्वर की भक्ति में,
अरे मन क्यों नहीं होता।

भानु सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा विधि

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।

गाइये गणपति जगवंदन (Gaiye Ganpati Jagvandan)

गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

महांकाल मेरी मंजिल, उज्जैन है ठिकाना (Mahakal Meri Manzil Ujjain Hai Thikana)

महाकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना,

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