तेरी जय हो गणेश जी(Teri Jai Ho Ganesh Ji)

आन पधारो गणपत जी पूरण करदो सब काज,

विच सभा के बैठया मोरी पत रखदो महाराज,

गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ती मोरिया ॥


रिद्धि सिद्धि के मालक तुम हो,

सबके भाग्य विधाता तुम हो,

पहले होवे पूजा हमेश जी,

तेरी जय हो जय जय गणेश जी ॥


जो बांझन है संतान वो पाए,

तेरी दया से लाल खिलाये,

सबकी पूरी करते हमेश जी

अर्ज़ी पूरी करते हमेश जी,

तेरी जय हो जय जय गणेश जी ॥


चार भुजा मूषक की सवारी,

चरणी लगती है दुनिया सारी,

जग में सबसे प्रथम गणेश जी,

तेरी जय हो जय जय गणेश जी ॥

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अग्नि देवता की पूजा विधि क्या है?

सनातन धर्म में अग्नि देवता को देवताओं का मुख माना जाता है। वे देवताओं और मनुष्यों के बीच एक संदेशवाहक भी माने जाते हैं। अग्नि देवता यज्ञों के देवता भी हैं।

आजा भक्तो की सुनके पुकार, ओ मरघट वाले बाबा जी (Aaja Bhakto Ki Sun Ke Pukar O Marghat Wale Baba Ji)

आजा भक्तो की सुनके पुकार,
ओ मरघट वाले बाबा जी,

लंका में बज गया रे डंका श्री राम का(Lanka Mein Baj Gaya Re Danka Shree Ram Ka)

मैं माँ अंजनी का लाला श्री राम भक्त मतवाला,
मेरा सोटा चल गया रे बजा डंका राम का,

राम नाम जपते है, मस्ती में रहते है(Ram Naam Japte Hai Masti Mein Rehte Hain)

राम नाम जपते है,
मस्ती में रहते है,

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