थारो खूब सज्यो दरबार, म्हारा बालाजी सरकार (Tharo Khub Sajyo Darbar Mhara Balaji Sarkar)

थारो खूब सज्यो दरबार,

म्हारा बालाजी सरकार,

मैं तो आया दर्शन ताइ,

बाला झट आवो दरबार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


बाला तन में सिंदूर धार,

थारे मुख में नागर पान,

थारे हाथ में घोटो धार बाला,

शोभा अपरम्पार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


बाला में हाथां में करताल,

काना में कुण्डल धार,

सदा राम राम गुण गाए बाला,

प्रभु ने रिझाए,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


माता अंजनी रा लाल,

बाबा पवनपुत्र हनुमान,

थारी शोभा जग में न्यारी बाला,

जो ध्याए फल पाए,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


थारे ‘भगवत’ महिमा गाए,

चरणों में शीश नवाएँ,

म्हारा बालाजी सरकार,

थाने विनती बारम्बार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥


थारो खूब सज्यो दरबार,

म्हारा बालाजी सरकार,

मैं तो आया दर्शन ताइ,

बाला झट आवो दरबार,

बेगा आओ नि बालासा,

थाने अर्ज अपार ॥

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हार गया हूँ बाबा, अब तो आके थाम रे (Haar Gya Hu Baba Ab To Aake Tham Re)

हार गया हूँ बाबा,
अब तो आके थाम रे,

श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti)

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर, आवो प्रभु विश्वकर्मा।
सुदामा की विनय सुनी और कंचन महल बनाये।

जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।
त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥

कब है जया एकादशी?

सनातन धर्म में एक साल में कुल 24 एकादशी आती है। इनमें से माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी मनाई जाती है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

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