राधे ब्रज जन मन सुखकारी(Radhe Braj Jan Man Sukhakari)

राधे ब्रज जन मन सुखकारी,

राधे श्याम श्यामा श्याम

मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल,

गल वैजयंती माला,

चरणन नुपर रसाल,

राधे श्याम श्यामा श्याम ॥


सुन्दर वदन कमल-दल लोचन,

बांकी चितवन हारी,

मोहन वंशी विहारी,

राधे श्याम श्यामा श्याम ॥


वृन्दावन में धेनु चरावे,

गोपीजन मन हारी,

श्री गोवेर्धन धारी,

राधे श्याम श्यामा श्याम ॥


राधा कृष्ण मिली अब दोऊ,

गौर रूप अवतारी,

कीर्तन धर्म प्रचारी,

राधे श्याम श्यामा श्याम ॥


तुम बिन मेरा और ना कोई,

नाम रूप अवतारी,

चरणन में बलिहारी,

राधे श्याम श्यामा श्याम,

नारायण बलिहारी,

राधे श्याम श्यामा श्याम ॥

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दरश एक बार दिखाना रे, शिव शंकर डमरू वाले(Darsh Ek Bar Dikhana Re Shiv Shankar Damru Wale)

दरस एक बार दिखाना रे,
शिव शंकर डमरू वाले ॥

आखिर यमुना में ही क्यों छुपा था कालिया नाग

भक्त वत्सल की जन्माष्टमी स्पेशल सीरीज के एक लेख में हमने आपको बताया था कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना में कूदकर कालिया नाग से युद्ध किया था। क्योंकि उसके विष से यमुना जहरीली हो रही थी।

रंग पंचमी पर चालीसा पाठ

रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का महत्व बताया गया है।

रंग पंचमी कैसे मनाई जाती है

रंग पंचमी भारत का एक प्रमुख रंगीन त्योहार है, जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की होली से जोड़कर देखा जाता है।

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