रंग बरसे लाल गुलाल, हो गुलाल(Rang Barse Laal Gulal Ho Gulal)

रंग बरसे लाल गुलाल,

हो गुलाल,

वृषभानलली के मन्दिर में,

सब हो गए लालों लाल, राधा रानी के मन्दिर में ॥


भीगे चुनरी चोली दामन,

मुख हो गए लाल गुलाल,

हो गुलाल,

वृषभानलली ॥


सुन सुन कर साजों की सरगम,

सब नाचें बजाकर ताल,

हो ताल,

वृषभानलली ॥


राधा रूप छटा मन मोहिनी,

कर दरस हो मनवा निहाल,

निहाल,

वृषभानलली ॥


मन ‘मधुप’ डूबा रंग रस में,

सब बोलें जय जयकार,

जयकार,

वृषभानलली ॥

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मासिक जन्माष्टमी पर पूजन

सनातन हिंदू धर्म में, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

गौरी के लाला हो, मेरे घर आ जाना (Gauri Ke Lala Ho Mere Ghar Aa Jana)

गौरी के लाला हो,
मेरे घर आ जाना,

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी धार्मिक दृष्टि से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान कृष्ण की अद्भुत लीलाओं और शिक्षाओं को स्मरण करने का दिवस माना जाता है।

कितने दिनों के बाद है आई, भक्तो रात (Kitne Dino Ke Baad Hai Aayi Bhakto Raat)

कितने दिनों के बाद है आई,
भक्तो रात भजन की,

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