मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल सखी री बड़ो प्यारो है (Mero Choto So Laddu Gopal Sakhi Ri Bado Pyaro Hai)

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


अँखियाँ मटकाये जब सुबह जागे,

जब मैं नेहलाऊ मेरे हाथो से भागे,

बड़ी मुश्किल से करू मैं संभाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


भोग मैं लगाउ मेको टुकर टुकर देखे,

फल जो चड़ाउ बा को मोपे ही फेंके,

या के मोटे मोटे फूल जाए गाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


सारा दिन चुपके चुपके मस्ती मनावे,

शाम जो ढले मोको मुरली सुनावे,

बाकी मुरली पे जाऊ बलहार,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


नित नई लीला कर रहता ये मोन है,

श्री हरिदासी का इसके सिवा कौन है,

हुई वाकी मैं छोड़ जन जाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है ।

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मैं तो संग जाऊं बनवास, स्वामी (Main Too Sang Jaun Banwas)

मैं तो संग जाऊं बनवास
मैं तो संग जाऊं बनवास

दिसंबर में कब है दुर्गा अष्टमी?

शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस दिन विधिवत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होती है। इस विधि-विधान से व्रत और पूजा करके मां दुर्गा की स्तुति की जाती है।

आयो फागण को त्यौहार (Aayo Fagan Ko Tyohar)

आयो फागण को त्यौहार,
नाचे ठुमक ठुमक दातार,

तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार(Tera Ramji Karenge Bera Paar)

राम नाम सोहि जानिये,
जो रमता सकल जहान

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