मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल सखी री बड़ो प्यारो है (Mero Choto So Laddu Gopal Sakhi Ri Bado Pyaro Hai)

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


अँखियाँ मटकाये जब सुबह जागे,

जब मैं नेहलाऊ मेरे हाथो से भागे,

बड़ी मुश्किल से करू मैं संभाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


भोग मैं लगाउ मेको टुकर टुकर देखे,

फल जो चड़ाउ बा को मोपे ही फेंके,

या के मोटे मोटे फूल जाए गाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


सारा दिन चुपके चुपके मस्ती मनावे,

शाम जो ढले मोको मुरली सुनावे,

बाकी मुरली पे जाऊ बलहार,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


नित नई लीला कर रहता ये मोन है,

श्री हरिदासी का इसके सिवा कौन है,

हुई वाकी मैं छोड़ जन जाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है ।

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उलझ मत दिल बहारो में (Ulajh Mat Dil Baharo Men)

उलझ मत दिल बहारो में,
बहारो का भरोसा क्या,

मदन गोपाल शरण तेरी आयो (Madan Gopal Sharan Teri Aayo)

मदन गोपाल शरण तेरी आयो,
चरण कमल की सेवा दीजै,

दिसंबर में कब है अनंग त्रयोदशी व्रत

प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा को समर्पित एक पवित्र दिन है। इसे हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

पितृ पक्ष की पौराणिक कथा

संतान के द्वारा श्राद्धकर्म और पिंडदान आदि करने पर पितरों को तृप्ति मिलती है, और वे अपनी संतानों को धन-धान्य और खुश रहने का आशीर्वाद देते हैं।

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