बड़ा नटखट है रे, कृष्ण कन्हैया (Bada Natkhat Hai Re Krishn Kanhaiya)

बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया

का करे यशोदा मैय्या हाँ॥ बड़ा नटखट है रे...॥

ढूंढें री अखियाँ उसे चहू ओर

जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर॥ ढूंढें री अखियाँ...॥

उड़ गया जैसे पुरवय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ

॥ बड़ा नटखट है रे...॥


मेरे जीवन का तू एक ही सपना

जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना॥ मेरे जीवन का तू...॥

सब का है प्यार बंसी बजय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ

॥ बड़ा नटखट है रे...॥


आ तोहे मैं गले से लगा लूं

लागे ना किसी की नज़र, मन में छूपा लूं॥ आ तोहे मैं...॥

धूप जगत है रे ममता है छैय्या, का करे यशोदा मैय्या हाँ

॥ बड़ा नटखट है रे...॥

........................................................................................................
सावन की बरसे बदरिया(Sawan Ki Barse Badariya Maa Ki Bhingi Chunariya)

सावन की बरसे बदरिया
सावन की बरसे बदरिया,

डोल ग्यारस 2024: भगवान श्रीकृष्ण की जलवा पूजन से जुड़ा है ये त्योहार, जानें इस दिन का महत्व और पूजा विधि

यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्री कृष्ण की पूजा और उत्सव के लिए मनाया जाता है।

हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon)

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।

रुक्मिणी अष्टमी के दिन करें ये उपाय

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। जो इस साल 22 दिसंबर को मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने