सुन राधिका दुलारी में (Sun Radhika Dulari Main)

सुन राधिका दुलारी में,

हूँ द्वार का भिखारी,

तेरे श्याम का पुजारी,

एक पीड़ा है हमारी ,

हमें श्याम न मिला


हम समझे थे कान्हा कही कुंजन में होगा,

अभी तो मिलन का हमने सुख नहीं भोगा


ओ सुनके प्रेम कि परिभाषा,

मन में बंधी थी जो आशा,

आशा भई रे निराशा,

झूटी दे गया दिलाशा

हमें श्याम न मिला


देता है कन्हाई जिसे प्रेम कि दिशा,

सब विधि उसकी लेता भी है परीक्षा


ओ कभी निकट बुलाये, कभी दूरियाँ बढ़ाये,

कभी हषायें रुलाये छलिया हाथ नहीं आये

हमें श्याम ना मिला…


ओ अपना जिसे यहाँ कहे सब कोई, उसके लिए में दिन रात रोई,

ओ नेह दुनिया से तोडा, नाता संवारे से जोड़ा,

उसने ऐसा मुख मोड़ा हमें कही का ना छोड़ा

हमें श्याम ना मिला


........................................................................................................
बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे (Bajrang Ke Aate 2 Kahin Bhor Ho Na Jaye Re)

बजरंग के आते आते,
कही भोर हो न जाये रे,

शिव पूजा विधि

सर्वप्रथम पहले की तरह आचमन कर पवित्री धारण करे। अपने ऊपर और पूजा-सामग्री पर जल का प्रोक्षण करे।

शेर कैसे बना मां दुर्गा का वाहन

हिंदू धर्म में नवरात्रि के दिनों को बेहद पवित्र और खास माना जाता है। नवरात्रि का त्योहार साल में चार बार आता है। चैत्र माह में आने वाली प्रत्यक्ष नवरात्रि बेहद खास होती है, क्योंकि इसी महीने से सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना शुरू की थी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने