पार्वती जी की पूजा विधि

कैसे करें महादेव की पत्नी माता गौरी की पूजा, इनके आशीर्वाद से आता है सौभाग्य 


शुक्रवार का दिन देवी पार्वती सहित सभी स्त्री देवी-स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन माता पार्वती को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने का उत्तम समय है। देवी पार्वती की पूजा शास्त्रोक्त विधि और पवित्रता से करने पर वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं। आइए इस आलेख में विस्तार से जानते हैं माता पार्वती की पूजा की तैयारी, सामग्री और विधि।


पूजा की तैयारी


  • स्थान की पवित्रता और मूर्ति स्थापना। 
  • सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें और गाय के गोबर या गंगाजल से शुद्ध करें।
  • पूजा स्थल पर लाल या सफेद वस्त्र बिछाएं।
  • भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को स्थापित करें, शिव जी को दाहिनी ओर और माता पार्वती को बाईं ओर रखें।
  • पूजा के लिए शुद्ध आसन का उपयोग करें। ऊन या कुश का आसन सर्वोत्तम होता है।


संकल्प करें


  • पूजा शुरू करने से पहले शुद्ध मन से संकल्प करें।
  • हाथ में जल, फूल और चावल लें।
  • संकल्प के दौरान वर्ष, तिथि, वार, स्थान और अपना नाम बोलें।
  • अपनी मनोकामना व्यक्त करते हुए सामग्री को भूमि पर अर्पित करें।
  • इसके बाद पूजा की शुरुआत करें।


पूजा की सामग्री


देवी पार्वती की पूजा में आवश्यक सामग्री। 


  1. मूर्ति स्नान के लिए: तांबे का पात्र, जैसे लोटा या कलश साथ रखें इसके साथ शुद्ध जल, दूध और पंचामृत की व्यवस्था कर लें। 
  2. अर्पित किए जाने वाले वस्त्र और आभूषण: माता को नए वस्त्र लाल या पीले रंग में भेट करें और आभूषण पहनाएं।
  3. अन्य सामग्री: चावल, कुमकुम, सिंदूर।दीपक के लिए तेल और रुई। धूपबत्ती, अष्टगंध, गुलाब का फूल और माला।


प्रसाद के लिए 


  • फल, मिठाई, नारियल, सूखे मेवे।
  • शक्कर, पान और पंचामृत।


दक्षिणा 


दक्षिणा में धन या सौभाग्यदायक वस्तुएं दान किए जा सकते हैं। 


जानिए पूजा विधि


  • गणेश पूजन से शुरुआत करें।
  • क्योंकि पूजा की शुरुआत गणेश पूजन से ही होनी चाहिए। 
  • अब गणेश जी को स्नान कराएं और वस्त्र पहनाएं।
  • उन्हें गंध, पुष्प, और अक्षत अर्पित करें।


माता पार्वती की पूजा


  1. आवाहन और स्नान: माता पार्वती की मूर्ति को शुद्ध जल और दूध से स्नान कराएं। उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं और आसन पर स्थापित करें।
  2. सजावट: माता को आभूषण पहनाएं। पुष्प और फूलों की माला अर्पित करें। सिंदूर और बिंदी लगाएं। सुगंधित इत्र चढ़ाएं।
  3. धूप और दीप अर्पण: धूपबत्ती जलाएं और माता के सामने दीपक प्रज्वलित करें। दीपक घी या तिल के तेल का उपयोग करें।
  4. अर्पण और भोग: फूल, चावल, और मिठाई माता को अर्पित करें। नारियल और पंचामृत का भोग लगाएं।
  5. आरती: देवी पार्वती की आरती करें। आरती के बाद परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करें।


मंत्र जाप


पूजा के दौरान माता पार्वती के निम्न मंत्रों का जाप करें।

“ऊं गौर्ये नमः”
“ऊं पार्वत्यै नमः”


ध्यान रखें ये महत्वपूर्ण बातें


1. पूजा के दौरान मन को शांत और ध्यानमग्न रखें।

2. माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेशजी का पूजन अवश्य करें।

3. पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद और दक्षिणा का वितरण करें। इस विधि से माता पार्वती की पूजा करने पर देवी अपने भक्तों पर विशेष कृपा करती हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाती हैं।


........................................................................................................
Subah Savere Lekar Tera Naam Prabhu (सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु)

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

मैं आया हूं तेरे द्वारे, गणराज गजानन प्यारे - भजन (Main Aaya Hoon Tere Dware Ganaraj Gajanan Pyare)

मैं आया हूँ तेरे द्वारे,
गणराज गजानन प्यारे ॥

माता रानी ने कृपा बरसाई - भजन (Mata Rani Ne Kripa Barsayi)

माता रानी ने कृपा बरसाई
मेरी हर गल पूरी हुंडी आई

अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने