वायुदेव की पूजा विधि क्या है

सुबह के समय वायुदेव की पूजा करने से मिलेंगे कई लाभ, जानिए क्या है पूजा विधि 



सनातन धर्म में वायु देवता बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वेदों में इनका कई बार वर्णन मिलता है और इन्हें भीम का पिता और हनुमान के आध्यात्मिक पिता माना जाता है। वायु पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) में से एक है और इसे जीवन का आधार माना जाता है। वायु को प्राण शक्ति का प्रतीक माना जाता है जो सभी जीवित प्राणियों में जीवन का संचार करती है। 


इतना ही नहीं  वायु देवता को उत्तर-पश्चिम दिशा का रक्षक माना जाता है। आपको बता दें, वायु देवता को गंधर्वों यानी कि स्वर्गलोक के संगीतज्ञ का राजा भी माना जाता है। वायु देवता को अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और इन्हें प्रलय लाने की शक्ति भी बताई जाती है। अब ऐसे में अगर आप वायुदेव की पूजा कर रहे हैं, तो उनकी पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है और वायुदेव की पूजा कब करनी चाहिए। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी द्वारा बताए गए जानकारी साझा कर रहे हैं। इसलिए आप इस लेख को विस्तार से पढ़ें। 


वायुदेव की पूजा किस विधि से करें? 


वायुदेव की पूजा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इनकी पूजा विधिवत रूप करने से शुभ परिणाम भी मिलते हैं। 


  • शुद्धिकरण - पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और फिर आप हवन करके वयुदेव का आह्वान करें। 
  • स्थान: एक साफ-सुथरा स्थान चुनें और वहां वायुदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • दीपक: दीपक जलाकर वायुदेव को प्रणाम करें।
  • धूप: धूप जलाकर शुद्ध वातावरण बनाएं।
  • अर्चना: फूल, फल, नैवेद्य आदि चढ़ाकर अर्चना करें।
  • मंत्र जाप: वायुदेव से संबंधित मंत्रों का जाप करें। ॐ वायुवे नमः, ॐ अनिलसुताय नमः, ॐ पवनपुत्राय नमः आदि।
  • भोग -  वायुदेव को प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद में आमतौर पर घी और शहद शामिल होते हैं।
  • वायुदेव आरती - आखिर में वायुदेव की आरती करें। 



वायुदेव की पूजा कब करनी चाहिए? 


वायुदेव की पूजा विशेष रूप से सूर्योदय के समय करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप किसी भी पंचांग या पंडित से पूछकर शुभ मुहूर्त निकलवा सकते हैं और उस मुहूर्त में वायुदेव की पूजा कर सकते हैं। 



वायुदेव की पूजा करने के लाभ


वायुदेव की पूजा करने से शरीर में वायु तत्व का संतुलन बना रहता है। वायुदेव की पूजा करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।  वायुदेव की पूजा करने से लंबा और स्वस्थ जीवन मिलता है।  वायुदेव की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। 



वायुदेव की आरती करें


अगर आप वायुदेव की पूजा कर रहे हैं, तो पूजा-पाठ के बाद उनकी आरती अवश्य करें। 


ॐ जय वायुदेव, जय जयकार

सभी लोक के स्वामी, तुम हो हमारे

तुमसे मिलता है जीवन का आधार

तुम ही हो हमारे संसार


तुमसे मिलता है शीतल हवा का झोंका

तुमसे मिलता है जीवन का स्रोत

तुमसे मिलता है आनंद का भंडार

तुम ही हो हमारे भगवत


तुमसे मिलता है बल और शक्ति

तुमसे मिलता है जीवन की राह

तुमसे मिलता है मोक्ष की प्राप्ति

तुम ही हो हमारे साथ

ॐ जय वायुदेव, जय जयकार


........................................................................................................
सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला: भजन (Siya Ji Se Puch Rahe Anjani Ke Lala)

सिया जी से पूछ रहे अंजनी के लाला,
मांग में सिंदूर मैया किस लिए डाला,

नौ नौ रूप मैया के तो, बड़े प्यारे लागे (Nau Nau Roop Maiya Ke To Bade Pyare Lage)

नौ नौ रूप मैया के तो,
बड़े प्यारे लागे,

रानी सती आज मेरे घर आई(Rani Sati Aaj Mere Ghar Aayi)

रानी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई,

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना (Mujhe Jhunjhunu Me Agla Janam Dena)

मेरी भक्ति के बदले वचन देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने