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अयोध्या सज रही सारी, अवध में राम आये है (Ayodhya Saj Rahi Saari, Awadh Me Ram Aaye Hai)

खुशी सबको मिली भारी,

अवध में राम आये है,

अवध में राम आये है,

प्रभु श्री राम आये है,

सिया के राम आये है,

अयोध्या सज रही सारी,

अवध में राम आये है ॥


जले है दीप घर घर में,

मना उत्सव जगत भर में,

मिले दिल बेरुखी हारी,

अवध में राम आये है ॥


जगत के प्राणी जो सारे,

प्रभु श्री राम को प्यारे,

मगन है आज नर नारी,

अवध में राम आये है ॥


चली गई दुख भरी रैना,

दर्श को प्यासे के नैना,

सुबह आई है उजियारी,

अवध में राम आये है ॥


देवता फूल बरसाये,

पुजारी पूजा करवाये,

छवि ‘भूलन’ बड़ी प्यारी

अवध में राम आये है ॥


खुशी सबको मिली भारी,

अवध में राम आये है,

अवध में राम आये है,

प्रभु श्री राम आये है,

सिया के राम आये है,

अयोध्या सज रही सारी,

अवध में राम आये है ॥

हे जग त्राता विश्व विधाता(He Jag Trata Vishwa Vidhata)

हे जग त्राता विश्व विधाता,
हे सुख शांति निकेतन हे।

प्रदोष व्रत की कथा

हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।

रंग बरसे लाल गुलाल, हो गुलाल(Rang Barse Laal Gulal Ho Gulal)

रंग बरसे लाल गुलाल,
हो गुलाल,

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के यम-नियम

हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी होती है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है।