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राम नाम जपते है, मस्ती में रहते है(Ram Naam Japte Hai Masti Mein Rehte Hain)

राम नाम जपते है,

मस्ती में रहते है,

देव है ये सबसे निराला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


मंगल को जन्मे है मंगल ही करते,

शुक्र और शनि जिनका पानी है भरते,

राम का दीवाना है,

कहता ये जमाना है,

देव है ये सबसे निराला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


नारियल हो के साथ सवा रुपैया,

भेंट जो चढ़ाए पार कर देते नैया,

बिगड़ी ये बनाते है,

गले से लगाते है,

ऐसे है अंजनी के लाला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


सिर पे मुकुट कुण्डल कानो में सोहे,

झांकी निराली जो भक्तों को मोहे,

बाँध के लंगोटा जो,

लेके हाथ सोटा जो,

दुष्टों का मुंह करते काला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


जानकी के प्यारे है अंजनी के दुलारे है,

कलयुग में हमसब भक्तों के सहारे है,

राम का दीवाना है,

कहता जमाना है,

‘नरसी’ को तुमने संभाला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


राम नाम जपते है,

मस्ती में रहते है,

देव है ये सबसे निराला,

इसे कहते हैं बजरंगबाला,

ओ बाला इसे कहते हैं बजरंगबाला ॥


रक्षा करो मेरे राम(Raksha Karo Mere Ram)

रक्षा करो मेरे राम,
रक्षा करों मेरे राम,

बसंत सम्पात 2025: महत्व और अनुष्ठान

रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। इसे बसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का महत्व बताया गया है।

रथ सप्तमी उपाय 2025

रथ-सप्तमी का पर्व हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल रथ-सप्तमी का पर्व 4 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान सूर्य देव को समर्पित है।

विवाह पंचमी के शुभ संयोग

विवाह पंचमी का त्योहार भगवान राम और माता सीता के विवाह के पावन अवसर के रूप में मनाया जाता है। लोग इस दिन वैवाहिक जीवन में शांति के लिए भगवान राम और माता सीता की पूजा करते है।