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एक तमन्ना माँ है मेरी(Ek Tamanna Ma Hai Meri)

एक तमन्ना माँ है मेरी,

दिल में बसा लूँ सूरत तेरी,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


रोज सवेरे उठ कर मैया,

तुझको शीश नवाउँ मैं,

प्रेम भाव से भांति भांति का,

नित श्रृंगार सजाउँ मैं,

हाथो से आरती उतारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


इस तन से जो काम करूँ मैं,

सब कुछ तुझको अर्पित हो,

खाऊं जो प्रशाद हो तेरा,

पीऊं वो चरणामृत हो,

आँखों से दर्शन तुम्हारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


‘बिन्नू’ की विनती माँ तुमसे,

इतनी किरपा कर देना,

चरणों की सेवा मिल जाए,

इससे बढ़कर क्या लेना,

असुवन से इनको पखारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


एक तमन्ना माँ है मेरी,

दिल में बसा लूँ सूरत तेरी,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥

तुम रूठे रहो मोहन (Tum Ruthe Raho Mohan)

तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ(Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ,
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जानकी जयंती पर चौपाइयों का पाठ

जानकी जी के विभिन्न नामों में सीता, मैथिली और सिया प्रमुख हैं। जानकी जयंती के अवसर पर रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यहां कुछ चौपाइयां दी गई हैं जो राम भक्ति से परिपूर्ण हैं।

गौरा ने घोट कर, पीस कर छान कर(Gora Ne Ghot Kar Piskar Chhankar)

गौरा ने घोट कर,
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