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एक तमन्ना माँ है मेरी(Ek Tamanna Ma Hai Meri)

एक तमन्ना माँ है मेरी,

दिल में बसा लूँ सूरत तेरी,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


रोज सवेरे उठ कर मैया,

तुझको शीश नवाउँ मैं,

प्रेम भाव से भांति भांति का,

नित श्रृंगार सजाउँ मैं,

हाथो से आरती उतारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


इस तन से जो काम करूँ मैं,

सब कुछ तुझको अर्पित हो,

खाऊं जो प्रशाद हो तेरा,

पीऊं वो चरणामृत हो,

आँखों से दर्शन तुम्हारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


‘बिन्नू’ की विनती माँ तुमसे,

इतनी किरपा कर देना,

चरणों की सेवा मिल जाए,

इससे बढ़कर क्या लेना,

असुवन से इनको पखारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


एक तमन्ना माँ है मेरी,

दिल में बसा लूँ सूरत तेरी,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे (Jo Karte Rahoge Bhajan Dhire Dhire)

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।

चंदन है इस देश की माटी (Chandan Hai Is Desh Ki Mati)

चंदन है इस देश की माटी,
तपोभूमि हर ग्राम है ।

होली भाई दूज की पूजा विधि

होली के ठीक बाद आने वाला भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सफलता की मनोकामना करती हैं।

कालाष्टमी पर क्या दान करें?

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यानी 2024 के नवंबर माह में ये तिथि 22 तारीख को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है, जो तंत्र-मंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व रखती है।

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