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एक तमन्ना माँ है मेरी(Ek Tamanna Ma Hai Meri)

एक तमन्ना माँ है मेरी,

दिल में बसा लूँ सूरत तेरी,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


रोज सवेरे उठ कर मैया,

तुझको शीश नवाउँ मैं,

प्रेम भाव से भांति भांति का,

नित श्रृंगार सजाउँ मैं,

हाथो से आरती उतारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


इस तन से जो काम करूँ मैं,

सब कुछ तुझको अर्पित हो,

खाऊं जो प्रशाद हो तेरा,

पीऊं वो चरणामृत हो,

आँखों से दर्शन तुम्हारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


‘बिन्नू’ की विनती माँ तुमसे,

इतनी किरपा कर देना,

चरणों की सेवा मिल जाए,

इससे बढ़कर क्या लेना,

असुवन से इनको पखारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥


एक तमन्ना माँ है मेरी,

दिल में बसा लूँ सूरत तेरी,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

हर पल उसी को निहारा करूँ,

मैया मैया मुख से उचारा करूँ ॥

मन चल रे वृन्दावन धाम(Man Chal Re Vrindavan Dham)

मन चल रे वृन्दावन धाम,
राधे राधे गाएंगे,

हे महाबली हनुमान, प्रभु तेरी महिमा निराली है (Hey Mahabali Hanuman Prabhu Teri Mahima Nirali Hai)

हे महाबली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,

वैकुंठ चतुर्दशी का महत्व

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इसे कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले आता है और देव दिवाली से भी संबंधित है।

रंग पंचमी पर इन मंत्रों का करें जाप

रंग पंचमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व होली के ठीक पाँच दिन बाद आता है और इसमें रंगों के माध्यम से देवी-देवताओं की आराधना की जाती है।

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