नवीनतम लेख

हरि नाम नहीं तो जीना क्या (Hari Nam Nahi Too Jeena Kya)

हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


काल सदा अपने रस डोले,

ना जाने कब सर चढ़ बोले।

हर का नाम जपो निसवासर,

अगले समय पर समय ही ना ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


भूषन से सब अंग सजावे,

रसना पर हरि नाम ना लावे।

देह पड़ी रह जावे यही पर,

फिर कुंडल और नगीना क्या ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


तीरथ है हरि नाम तुम्हारा,

फिर क्यूँ फिरता मारा मारा।

अंत समय हरि नाम ना आवे,

फिर काशी और मदीना क्या ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥

मेरे गणराज आये है (Mere Ganaraj Aaye Hai)

वक्रतुण्ड महाकाय,
सूर्यकोटि समप्रभ:,

कार्तिगाई दीपम क्यों मनाते हैं

कार्तिगाई दीपम पर्व प्रमुख रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

Jai Jai Radha Raman Hari Bol Lyrics (जय जय राधा रमण हरी बोल)

जय जय राधा रमण हरी बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥