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हे आनंदघन मंगलभवन, नाथ अमंगलहारी (Hey Anand Ghan Mangal Bhawa)

हे आनंदघन मंगलभवन,

नाथ अमंगलहारी,

हम आए शरण तुम्हारी,

रघुवर कृपाल प्रभु प्रनतपाल,

अब राखो लाज हमारी,

हम आए शरण तुम्हारी,

हे आनंद घन मंगल भवन,

नाथ अमंगलहारी,

हम आए शरण तुम्हारी ॥


तुम जैसा नहीं पतित उदाहरण,

पतित नहीं हम जैसा,

बिन कारण जो द्रवे दीन पर,

देव ना दूजा ऐसा,

हम है दीन तुम दीनबंधु,

तुम दाता हम है भिखारी,

श्री राम जय जय राम,

श्री राम जय जय राम,

हे आनंद घन मंगल भवन,

नाथ अमंगलहारी,

हम आए शरण तुम्हारी ॥


दो अक्षर का नाम है,

राम तुम्हारा नाम,

दो अक्षर का भाव ले,

तुमको करे प्रणाम ॥


यही सोचकर अंतर्मन पर,

लिख लिया नाम तुम्हारा,

राम लिखा जिन पाषाणों पर,

उनको तुमने तारा,

राम से राम का नाम बड़ा है,

नाम की महिमा भारी,

श्री राम जय जय राम,

श्री राम जय जय राम,

हे आनंद घन मंगल भवन,

नाथ अमंगलहारी,

हम आए शरण तुम्हारी ॥


हे आनंदघन मंगलभवन,

नाथ अमंगलहारी,

हम आए शरण तुम्हारी,

रघुवर कृपाल प्रभु प्रनतपाल,

अब राखो लाज हमारी,

हम आए शरण तुम्हारी,

हे आनंद घन मंगल भवन,

नाथ अमंगलहारी,

हम आए शरण तुम्हारी ॥

श्री गणपति स्तोत्रम् (Shri Ganpati Stotram)

जेतुं यस्त्रिपुरं हरेणहरिणा व्याजाद्बलिं बध्नता
स्रष्टुं वारिभवोद्भवेनभुवनं शेषेण धर्तुं धराम्।

मासिक शिवरात्रि शिव तांडव स्तोत्र

वैदिक ज्योतिष में मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष अवसर माना गया है। इस दिन भक्त अपने-अपने तरीके से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं और शिवजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं।

इस तरह मनाएं छोटी होली

छोटी होली को फागुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, इस साल ये दिन गुरुवार 13 मार्च को है। मान्यतों के अनुसार ये दिन बहुत खास होता है, इस दिन आप जो कुछ भी करते हैं उसका फल आपको पूरे वर्ष तक मिलता है।

सबसे ऊंची प्रेम सगाई (Sabse Unchi Prem Sagai)

सबसे ऊंची प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।