नवीनतम लेख

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा(Ho Gaye Bhav Se Par Lekar Naam Tera)

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥

वाल्मीकि अति दुखी दीन थे,

बुरे कर्म में सदा लीन थे,

करी रामायण तैयार लेकर नाम तेरा,

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥


थे नल-नील जाति के वानर,

राम नाम लिख दिया शिला पर,

हो गई सेना पार लेकर नाम तेरा,

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥


भरी सभा में द्रुपद दुलारी,

कृष्ण द्वारिकानाथ पुकारी,

बढ़ गया चीर अपार लेकर नाम तेरा,

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥


गज ने आधा नाम पुकारा,

गरूड़ छोड़ कर उसे उबारा,

किया ग्राह उद्धार लेकर नाम तेरा,

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥


मीरा गिरधर नाम पुकारी,

विष-अमृत कर दिए मुरारी,

खुलगए चारों द्वार लेकर नाम तेरा,

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥


राम नाम को जो कोई गावे,

अपने तीनों लोक बनावे,

है जीवन का सार लेकर नाम तेरा,

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥


जिनको स्वयं तार नहीं पाये,

नाम लिये से मुक्ति पाये,

महिमा नाम अपार लेकर नाम तेरा,

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा ॥

लट्ठमार होली कैसे खेली जाती है

बरसाने में लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो इस साल 8 मार्च को पड़ रही है। यह त्योहार राधा-कृष्ण के प्रेम की लीलाओं को दर्शाता है।

राम नाम को रटने वाले जरा सामने आओ(Ram Naam Ko Ratne Wale Jara Samne Aao)

राम नाम को रटने वाले
जरा सामने आओ तुम,

सियारानी का अचल सुहाग रहे - भजन (Bhajan: Siyarani Ka Achal Suhag Rahe)

मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।
ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥

श्री प्रेतराज चालीसा (Shree Pretraj Chalisa)

गणपति की कर वंदना, गुरू चरनन चितलाये।
प्रेतराज जी का लिखूं, चालीसा हरषाय।