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कुलदेवी की पूजा, जो करता है दिन रात (Kuldevi Ki Puja Jo Karta Hai Din Raat)

कुलदेवी की पूजा,

जो करता है दिन रात,

उसके जीवन में होती है,

खुशियों की बरसात ॥


हर एक भगत की,

कुलदेवी होती है,

जिसके ही नाम से जलती,

घर में ये ज्योति है,

दुनिया पीछे चलती,

जब कुलदेवी हो साथ,

उसके जीवन में होती है,

खुशियों की बरसात ॥


मैया कृपालु है ये,

बड़ी भोली भाली,

यही तो है माँ गौरा,

यही है माँ काली,

रूप अनेको पूजो,

पर कुलदेवी के साथ,

उसके जीवन में होती है,

खुशियों की बरसात ॥


मेरी गढ़ी महासर मैया,

साथ मेरे चलती,

भूल जाए उनको गर हम,

ये हमारी गलती,

‘मित्तल’ हरदम तो,

मैया ही रहती साथ,

उसके जीवन में होती है,

खुशियों की बरसात ॥


कुलदेवी की पूजा,

जो करता है दिन रात,

उसके जीवन में होती है,

खुशियों की बरसात ॥

जिसके लिए हर मुश्किल, काम आसान है (Jiske Liye Har Mushkil Kaam Aasan Hai)

जिसके लिए हर मुश्किल,
काम आसान है,

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी (Dhank Lai Yashoda Najar Lag Jayegi)

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी
कान्हा को तेरे नजर लग जाएगी ।

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

आओ आ जाओ भोलेनाथ (Aao Aa Jao Bholenath)

आओ आ जाओ भोलेनाथ,
तेरे ख़यालों में खोया रहूं मैं,

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