नवीनतम लेख

मैं तो झूम झूम नाचू रे आज, आज मैया घर आयी है (Main To Jhoom Jhoom Nachu Re Aaj Maiya Ghar Aayi Hai)

मैं तो झूम झूम नाचूं रे आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो माता के गुण गाऊं आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो झूम झूम नाचूँ रे आज,

आज मैया घर आयी है ॥


मैंने तो मैया से अर्जी लगाई,

मैया भी खुश होके सिंह चढ़ी आई,

मैं तो माता के दरश पाउँ आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो झूम झूम नाचूँ रे आज,

आज मैया घर आयी है ॥


कीर्तन कराया श्रृंगार है सजाया,

ज्योत है जगाई और भोग है लगाया,

मैं तो मैया के मन भाऊ आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो झूम झूम नाचूँ रे आज,

आज मैया घर आयी है ॥


मैया तो भक्तो पे करुणा लुटाए,

ममता का आँचल माँ सिर पे फिराए,

मैं तो चरणों में झुक जाऊं आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो झूम झूम नाचूँ रे आज,

आज मैया घर आयी है ॥


आज मेरी खुशियों का ना ही ठिकाना,

कहता ‘रवि’ है मिला सुख का खजाना,

मैं तो भक्ति में खो जाऊ आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो झूम झूम नाचूँ रे आज,

आज मैया घर आयी है ॥


मैं तो झूम झूम नाचूं रे आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो माता के गुण गाऊं आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो झूम झूम नाचूँ रे आज,

आज मैया घर आयी है ॥


मैं तो झूम झूम नाचू रे आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो माता के गुण गाऊं आज,

आज मैया घर आयी है,

मैं तो झूम झूम नाचूँ रे आज,

आज मैया घर आयी है ॥

मेरा संकट कट गया जी (Mera Sankat Kat Gaya Ji)

मेरा संकट कट गया जी,
मेहंदीपुर के दरबार में,

ब्रजराज ब्रजबिहारी! इतनी विनय हमारी (Brajaraj Brajbihari Itni Vinay Hamari)

ब्रजराज ब्रजबिहारी, गोपाल बंसीवारे
इतनी विनय हमारी, वृन्दा-विपिन बसा ले

माता जानकी के जन्म से जुड़ी कथा

माता जानकी का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, जब राजा जनक ने एक दिन खेत जोतते समय एक कन्या को पाया। उन्होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया और उसका पालन-पोषण किया।

श्री विश्वकर्मा चालीसा (Shri Vishwakarma Chalisa)

श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान।
श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान॥

यह भी जाने