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मैया बधाईं है बधाईं है (Maiya Badhai Hai Badhai Hai)

मैया बधाई है बधाई है,

बाबा बधाई है बधाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥


घर घर में कैसी ख़ुशी छाई है,

श्याम दीवाने गावे बधाई है,

घर घर में कैसी ख़ुशी छाई है,

श्याम दीवाने गावे बधाई है,

मन में है अति ख़ुशी छाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥


भक्तो ने कैसी धूम मचाई है,

द्वारे पे बाजे शहनाई है,

भक्तो ने कैसी धूम मचाई है,

द्वारे पे बाजे शहनाई है,

बाबा ने सम्पती लुटाई है,

मैया ने बधाई बंटवाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥


मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

ब्रज में ये कैसी ख़ुशी छाई है,

मैया बधाईं है बधाईं है,

बाबा बधाई है बधाई है ॥

तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है (Tere Darbar Mein Maiya Khushi Milti Hai)

तेरी छाया मे, तेरे चरणों मे,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे ॥

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)

श्री ऋषिपंचमी व्रत कथा (भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाने वाला व्रत) राजा सुताश्व ने कहा कि हे पितामह मुझे ऐसा व्रत बताइये जिससे समस्त पापों का नाश हो जाये।

ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां (Thumak Chalat Ramchandra)

ठुमक चलत रामचंद्र,
ठुमक चलत रामचंद्र,