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मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा (Mera Haath Pakad Le Re, Kanha)

मेरा हाथ पकड़ ले रे,

कान्हा दिल मेरा घबराये,

काले काले बादल,

गम के बादल,

सिर पे मेरे मंडराये,

॥ मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा...॥


अगर मेरे वश में,

होता कन्हैया,

तो पार लगाता मैं,

खुद अपनी नैया,

यहाँ वहाँ रखूं,

जहाँ जहाँ रखूं,

पाँव फिसलता जाये,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


अगर आना है तो,

आजा कन्हैया,

पार लगा जा,

बन के खिवैया,

धीरे धीरे करके,

थोड़ा थोड़ा करके,

वक्त गुजरता जाये रे,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


नहीं आना हो तो,

खबर भेजे देंना,

हालत उठाकर,

नज़र देख लेना,

कही ऐसा ना हो,

तेरे भरोसे,

बनवारी रह जाये रे,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


मेरा हाथ पकड़ ले रे,

कान्हा दिल मेरा घबराये,

काले काले बादल,

गम के बादल,

सिर पे मेरे मंडराये रे,

॥मेरा हाथ पकड़ लें रे, कान्हा..॥


मेरा हाथ पकड़ ले रे,

कान्हा दिल मेरा घबराये,

काले काले बादल,

गम के बादल,

सिर पे मेरे मंडराये


अपने रंग रंगलो गजानन (Apne Rang Ranglo Gajanan)

अपने रंग रंगलो गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया,

जय जय सुरनायक जन सुखदायक (Jai Jai Surnayak Jan Sukhdayak Prantpal Bhagvant)

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता ।
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिधुंसुता प्रिय कंता ॥

आमलकी एकादशी कब मनाई जाएगी

पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो एकादशी पड़ती हैं और साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। इन सभी एकादशी तिथियों का विशेष महत्व होता है।

मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,
भोले का दीदार पाने को,