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मेरे हृदये करो परवेश जी (Mere Hridye Karo Parvesh Ji)

मेरे हृदये करो परवेश जी,

मेरे काटो सकल कलेश जी ॥


श्लोक – पहले गणपति पूज के,

पाछे करिये काज,

विच सभा दे बेठियाँ,

मेरी पत रखियो महाराज ॥


मेरे हृदये करो परवेश जी,

हृदये करो परवेश जी,

मेरे काटो सकल कलेश जी,

मेरे काटो सकल कलेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥


लाल सिंदूर चढ़े गजमुख को,

भक्तो के काटे हर दुःख को,

होवे पूजा देश विदेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥


करते मूषक की है सवारी,

चरणे लगती है दुनिया सारी,

मोहे दर्शन दीजो हमेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥


सिमरु तुझे सब दुःख मिट जावे,

दास सलीम तेरे गुण गावे,

तेरा पुरण है दरवेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥


मेरे हृदये करो परवेश जी,

हृदये करो परवेश जी,

मेरे काटो सकल कलेश जी,

मेरे काटो सकल कलेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी,

तेरी जय जय जय हो गणेश जी ॥

अन्नपूर्णा जयंती पर बन रहा ये दुर्लभ योग

वैदिक पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा और भगवान शिव की पूजा होती है।

मंत्र क्या होते हैं

शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं।

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस का नाम धन और तेरस ये दो शब्दों से बना है जिसमें धन का मतलब संपत्ति और समृद्धि है और तेरस का अर्थ है पंचांग की तेरहवीं तिथि। यह त्योहार खुशहाली, सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

शादी-विवाह पूजा विधि

विवाह एक पवित्र संस्कार, जो दो लोगों को 7 जन्मों के लिए बांधता है। यह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन है, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन है। इसे हिंदू संस्कृति में एक पवित्र अनुष्ठान माना गया है।