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मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले (Meri Rasna Se Prabhu Tera Naam Nikle)

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


मन मंदिर में ज्योत जगाउंगी,

प्रभु सदा मैं तेरे गुण गाउंगी,

मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले,

मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले,

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


मेरे अवगुण चित्त से भुला देना,

मेरी नैया को पार लगा देना,

तेरी पूजा में जीवन तमाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले,

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


तेरी महिमा का सदा गुणगान करूँ,

तेरे वचनों का नित मैं ध्यान धरूँ,

तेरी भक्ति में सुबह और शाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले,

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥

राधा कौन से पुण्य किये तूने(Radha Kon Se Punya Kiye Tune)

राधा कौन से पुण्य किये तूने,
जो हरि रोज तेरे घर आते हैं ॥

मां अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna Chalisa)

विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।
अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें

दुर्गा सप्तशती का पाठ देवी दुर्गा की कृपा पाने का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली माध्यम है। इसे 'चंडी पाठ' के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोक हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनकी विजय और शक्ति का वर्णन करते हैं।