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मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले (Meri Rasna Se Prabhu Tera Naam Nikle)

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


मन मंदिर में ज्योत जगाउंगी,

प्रभु सदा मैं तेरे गुण गाउंगी,

मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले,

मेरे रोम रोम से तेरा नाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले,

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


मेरे अवगुण चित्त से भुला देना,

मेरी नैया को पार लगा देना,

तेरी पूजा में जीवन तमाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले,

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


तेरी महिमा का सदा गुणगान करूँ,

तेरे वचनों का नित मैं ध्यान धरूँ,

तेरी भक्ति में सुबह और शाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले,

मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकलें,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥


मेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले,

हर घड़ी हर पल राम राम निकले ॥

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori)

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया

पूछ रही राधा बताओ गिरधारी (Pooch Rahi Radha Batao Girdhari)

पूछ रही राधा बताओ गिरधारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।

महाशिवरात्रि व्रत कथा प्रारम्भ | क्या शिवरात्रि पर व्रत करने से मुक्ति संभव

भगवान शिव की महिमा सुनकर एक बार ऋषियों ने सूत जी से कहा- हे सूत जी आपकी अमृतमयी वाणी और आशुतोष भगवान शिव की महिमा सुनकर तो हम परम आनन्दित हुए।

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के (Prem Ke Pale Prabhu Ko Niyam Badalte Dekha)

प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,
प्रभु का नियम बदलते देखा ।