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मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे (Mero Man Lagyo Barsane Mei Jaha Viraje Radharani)

बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा

बोलो राधे राधे, बोलो श्यामा श्यामा


मेंरो मन लग्यो बरसाने में,

जहाँ विराजे राधा रानी,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

जहाँ मिले खरा पानी,


मुझे दुनियाँ से नही कोई काम,

मुझे दुनियाँ से नही कोई काम,

मैं तो रतु राधा राधा नाम,

मैं तो रतु राधा राधा नाम,

दर्शन करू सुबह शाम,

दर्शन करू सुबह शाम,

मेंरे मन में विराजे श्याम दीवानी,

जहाँ विराजे राधा रानी,

॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥


मेंरे मन में ना लगे कोई रंग,

मेंरे मन में ना लगे कोई रंग,

मैं तो रहूँ संतान के संग,

मैं तो रहूँ संतान के संग,

मेंरे मन में बढ़त उमंग,

मेंरे मन में बढ़त उमंग,

बरसाना वृीज की राजधानी,

जहाँ विराजे राधा रानी,

॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥


मुझे दुनियाँ से नही लेना देना,

मुझे दुनियाँ से नही लेना देना,

ये जगत है एक सपना,

ये जगत है एक सपना,

यहा कोई नही अपना,

यहा कोई नही अपना,

मेंरी अपनी ब्रषभान दुलारी,

जहाँ विराजे राधा रानी,

॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥


मेंरो मन लग्यो बरसाने में,

जहाँ विराजे राधा रानी,

मेंरो मन लग्यो बरसाने में,

जहाँ विराजे राधा रानी,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

मन हट्यो दुनियाँदारी से,

जहाँ मिले खरा पानी,


॥ मेंरो मन लग्यो बरसाने में..॥

पार्वती जी की पूजा विधि

शुक्रवार का दिन देवी पार्वती सहित सभी स्त्री देवी-स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन माता पार्वती को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने का उत्तम समय है।

फाल्गुन कृष्ण विजया नाम एकादशी व्रत (Phalgun Krishna Vijaya Naam Ekaadashi Vrat)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने फिर भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा कि अब आप कृपाकर फाल्गुन कृष्ण एकादशी का नाम, व्रत का विधान और माहात्म्य एवं पुण्य फल का वर्णन कीजिये मेरी सुनने की बड़ी इच्छा है।

Sanwali Surat Pe Mohan Dil Diwana Ho Gaya (सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया)

सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।

दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को क्या भोग लगाएं

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।