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मुझे राधे-राधे कहना सिखादे (Mujhe Radhe Radhe Kahana Shikhade)

मुझे राधे राधे कहना सिखा दे

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े,

क्या बिगड़े तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखा दे

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


वृंदावन जाऊँ तेरे गुण गाऊं,

चरणों की धूलि को माथे से लगाऊँ,

मेरी वृन्दावन कोठी बणा दे,

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


जमुना तट जाऊँ वहां नहीं पाऊँ,

बंसीवट जाऊँ वहां नहीं पाऊँ,

अपने मिलने का ठिकाना बता दे,

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


अपनी शरण में ले ले मोहन,

अपने ही रंग में रंग ले मोहन,

अपनी गऊओ का ग्वाला बना ले,

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।


मन मन्दिर में ज्योत जगाऊँ,

आठों पहर तेरे नाम को सिमरूं,

अपने नाम का दीवाना बना दे

कन्हैयाँ तेरा क्या बिगड़े,

मुझे राधे राधे कहना सिखादे

कन्हैया तेरा क्या बिगड़े।

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ (Main To Shiv Hi Shiv Ko Dhyau)

मैं तो शिव ही शिव को ध्याऊँ,
जल से स्नान कराऊँ,

दुर्गाष्टमी में क्या करें और क्या नहीं

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा की आराधना और व्रत के लिए शुभ माना जाता है।

घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है (Ghanshyam Teri Bansi Pagal Kar Jaati Hai)

घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है,

शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर

आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा ॥