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ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे (O shankar Mere Kab Honge Darshan Tere)

ओ शंकर मेरे,

कब होंगे दर्शन तेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

छाए है घनघोर अँधेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥


मैं मूरख तू अंतर्यामी,

मैं मूरख तू अंतर्यामी,

मैं सेवक तू मेरा स्वामी,

मैं सेवक तू मेरा स्वामी,

काहे मुझसे नाता तोड़ा,

मन छोड़ा मंदिर भी छोड़ा,

कितनी दूर लगाये तूने,

जा कैलाश पे डेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥


तेरे द्वार पे ज्योत जगाते,

तेरे द्वार पे ज्योत जगाते,

युग बीते तेरे गुण गाते,

युग बीते तेरे गुण गाते,

ना मांगू मैं हीरे मोती,

मांगू बस थोड़ी सी ज्योति,

खाली हाथ न जाऊँगा मैं,

दाता द्वार से तेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥


ओ शंकर मेरे,

कब होंगे दर्शन तेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

जीवन पथ पर शाम सवेरे,

छाए है घनघोर अँधेरे,

ओ शंकर मेरें,

कब होंगे दर्शन तेरे ॥

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे (Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je)

वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।

Satyanarayan Bhagwan Ki Katha (सत्यनारायण कथा)

एक समय नैमिषीरण्य तीर्थ में शौनकादि 88 हजार ऋषियों ने श्री सूत जी से पूछा हे प्रभु! इस कलयुग में वेद-विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिलेगी तथा उनका उद्धार कैसे होगा।

तेरे दरशन को गणराजा, तेरे दरबार आए है (Tere Darshan Ko Ganraja Tere Darbar Aaye Hai)

तेरे दर्शन को गणराजा ॥
दोहा – नसीब वालों को हे गणराजा,

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा, हरी शरण आने के बाद (Kuch Nahi Bigadega Tera Hari Sharan Aane Ke Baad)

कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।

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