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प्रथमेश गजानंद नाम तेरो (Prathamesh Gajanan Naam Tero)

प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


म्हारे आंगण पाँव धरो देवा,

पावन कर दो म्हारी कर्म धरा,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

इतनी सी अरज स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


हे एकदन्त शंकर सुवन,

सगळा का काज सरया थासु,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हारो भी थे उद्धार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


भक्ता का पालनहार गजानंद,

शिव अमृत अभिनन्दन है,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हर सुख का नमन स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥

माँ हो तो ऐसी हो ऐसी हो(Maa Ho To Aisi Ho Aisi Ho)

हाँ माँ हो तो ऐसी हो ऐसी हो
ऐसी हो काली मैय्यां तेरे जैसी हो

कुंभ संक्रांति पौराणिक कथा

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

मार्गशीर्ष शुक्ल की मोक्षदा एकादशी (Margshersh Sukal Ki Mouchda Ekadashi) )

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर बोले- हे दशी जनार्दन आपको नमस्कार है। हे देवेश ! मनुष्यों के कल्याण के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का नाम एवं माहात्म्य वर्णन कर यह बतलाइये कि उसकीएकादशी माहात्म्य-भाषा विधि क्या है?

भगवान हनुमान जी की पूजा विधि

हनुमान जी की पूजा में विशेष मंत्रों और नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजन की शुरुआत गणपति वंदना से होती है, जिसके बाद हनुमान जी को स्नान, वस्त्र, आभूषण, सिंदूर, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है।