नवीनतम लेख

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो (Prathamesh Gajanan Naam Tero)

प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


म्हारे आंगण पाँव धरो देवा,

पावन कर दो म्हारी कर्म धरा,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

हे सिद्धिविनायक गणनायक,

इतनी सी अरज स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


हे एकदन्त शंकर सुवन,

सगळा का काज सरया थासु,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हणे अपनी शरण में रख लीजो,

म्हारो भी थे उद्धार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


भक्ता का पालनहार गजानंद,

शिव अमृत अभिनन्दन है,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हे सुखकर्ता हे विघ्नहर्ता,

हर सुख का नमन स्वीकार करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥


प्रथमेश गजानन नाम तेरो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

हृदय में पधारो मेहर करो,

अमृत रस म्हा पर बरसाओ,

आ जाओ अब ना देर करो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो,

प्रथमेश गजानंद नाम तेरो ॥

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा नामक एकादशी (Jyesth Mas Ke Krishna Paksh Ki Apara Namak Ekaadshi)

इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।

अपने रंग रंगलो गजानन (Apne Rang Ranglo Gajanan)

अपने रंग रंगलो गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया,

नमो नमो(Namo Namo)

नमो नमो नमो नमो ॥
श्लोक – सतसाँच श्री निवास,

श्री भैरव चालीसा (Shri Bhairav ​​Chalisa)

श्री गणपति गुरु गौरी पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वंदन करो, श्री शिव भैरवनाथ ॥