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रघुवीर को, प्रणाम हमारा कह देना(Raghuvir Ko Pranam Hamara Keh Dena)

ओ जाने वाले रघुवीर को,

प्रणाम हमारा कह देना

प्रणाम हमारा कह देना,

सीताराम हमारा कह देना ॥


श्री राम की माता कौशल्या,

और दशरथ धीरज धारी को,

श्री भरत की माता केकयी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री भरत शत्रुघ्न भैया को,

और छोटी मात सुमित्रा को,

श्री सीता जनक दुलारी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री हनुमान बल सुग्रीव को,

और सारी अंगद सेना को,

श्री पूरी अयोध्या नगरी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री राम चंद्र अवतारी को,

और लक्ष्मण धनुवा धारी को,

श्री लवकुश आज्ञाकारी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री बल्मीकि रामायण को,

और चारो वेद पुराणों को,

श्री गीता मात कल्याणी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना (Banke Bihari Hame Bhul Na Jana)

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,
जल्दी जल्दी वृन्दावन,

बैंगन छठ की कहानी क्या है

हर साल बैंगन छठ या चंपा षष्ठी का यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इसे बैंगन छठ के नाम से भी जानते हैं। दरअसल, इस पूजा में बैंगन चढ़ाते हैं इसलिए इसे बैंगन छठ कहा जाता है।

पौष मास है छोटा पितृ पक्ष

पौष मास को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है। सूर्यदेव के कन्या राशि में आने पर होने वाले मुख्य पितृ पक्ष के अलावा इस माह में भी श्राद्ध तथा पिंडदान के अलावा भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा का भी विशेष महत्व है।

भजमन राम चरण सुखदाई (Bhajman Ram Charan Sukhdayi)

भजमन राम चरण सुखदाई,
भजमन राम चरण सुखदाई ॥