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रघुवीर को, प्रणाम हमारा कह देना(Raghuvir Ko Pranam Hamara Keh Dena)

ओ जाने वाले रघुवीर को,

प्रणाम हमारा कह देना

प्रणाम हमारा कह देना,

सीताराम हमारा कह देना ॥


श्री राम की माता कौशल्या,

और दशरथ धीरज धारी को,

श्री भरत की माता केकयी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री भरत शत्रुघ्न भैया को,

और छोटी मात सुमित्रा को,

श्री सीता जनक दुलारी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री हनुमान बल सुग्रीव को,

और सारी अंगद सेना को,

श्री पूरी अयोध्या नगरी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री राम चंद्र अवतारी को,

और लक्ष्मण धनुवा धारी को,

श्री लवकुश आज्ञाकारी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री बल्मीकि रामायण को,

और चारो वेद पुराणों को,

श्री गीता मात कल्याणी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥

रथ सप्तमी व्रत के शुभ मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाने वाला रथ सप्तमी व्रत इस साल 4 फरवरी को है। यह व्रत प्रमुख रूप से सूर्य देव को समर्पित है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

भला किसी का कर ना सको तो (Bhala Kisi Ka Kar Na Sako Too)

भला किसी का कर ना सको तो,
बुरा किसी का मत करना,

श्री राधा चालीसा (Shri Radha Chalisa)

श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥

ब्रह्मा जी की पूजा विधि

ब्रह्मा जी, जिन्हें सृष्टि के रचयिता के रूप में जाना जाता है, के कई मंदिर होने के बावजूद उनका सबसे प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के पुष्कर में स्थित है।