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शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे (Sherawali Ke Darbar Mein Rang Barse)

रंग बरसे देखो रंग बरसे,

रंग बरसे देखो रंग बरसे,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

अम्बेवाली दे दरबार में रंग बरसे,

ढोल नगाड़ों ढोलक बजे,

ढोल नगाड़ों ढोलक बजे,

सारे भगत यहाँ झूम के नाचे,

सारे भगत यहाँ झूम के नाचे,

माँ को मनाये सब नच नच के,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,


सब से ऊँचा धाम तुम्हारा,

सब से ऊँचा धाम तुम्हारा,

जग में पावन नाम तुम्हारा,

जग में पावन नाम तुम्हारा,

जग जाए किस्मत दर्शन से,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,


भक्तो के सब काम बनाये,

भक्तो के सब काम बनाये,

जब भी पुकारे मैया दौड़ी आये,

जब भी पुकारे मैया दौड़ी आये,

काट दिये संकट जन जन के,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,

मोहन कौशिक वो तर जाते,

मोहन कौशिक वो तर जाते,

जो सुख में सुमरन कर पाते,

जो सुख में सुमरन कर पाते,

गये हरीश भी तन मन से,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,


महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि , Mahishasuramardini Stotram - Aayi Girinandini

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।

चल काँवरिया, चल काँवरिया (Chal Kawariya, Chal Kawariya)

जय हो बैजनाथ
जय हो भोले भंडारी

नैनन में श्याम समाए गयो(Nainan Me Shyam Samay Gayo)

नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ।

क्यों खास होता है फाल्गुन मास

सनातन धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम महीना फाल्गुन मास होता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू हो जाता है।

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