ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम (Aisi Suwah Na Aye, Aye Na Aisi Sham)

शिव है शक्ति, शिव है भक्ति, शिव है मुक्ति धाम।

शिव है ब्रह्मा, शिव है विष्णु, शिव है मेरा राम॥


ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम।

जिस दिन जुबा पे मेरी, आए ना शिव का नाम॥


ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥


मन मंदिर में वास है तेरा, तेरी छवि बसाई।

प्यासी आत्मा बनके जोगन, तेरी शरण में आई।

तेरी ही शरण में पाया, मैंने यह विश्राम॥ ऐसी सुबह ना आए॥


ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥


तेरी खोज में ना जेने, कितने युग मेरे बीते।

अंत में काम क्रोध मद हारे, हे भोले तुम जीते।

मुक्त किया तूने प्रभु मुझको, शत शत है प्रणाम॥ ऐसी सुबह ना आए॥


ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥


सर्व कला संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर।

दर्शन देकर धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर।

भाव सागर से तर जाउंगी, लेकर तेरा नाम॥ ऐसी सुबह ना आए॥

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तोरी बगिया में आम की डाल, कोयल बोले कुहू कुहू: भजन (Tori Bagiya Mein Aam Ki Daal Koyal Bole Kuhu Kuhu)

तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू ॥

इस दिन पड़ेगी साल की आखिरी शिवरात्रि

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

कार्तिगाई दीपम क्यों मनाते हैं

कार्तिगाई दीपम पर्व प्रमुख रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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