बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया (Baba Baijnath Hum Aael Chhi Bhikhariya)

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया,

अहाँ के दुअरिया ना,

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी,

भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना ॥


अइलों बड़ बड़ आस लगायल,

होहियो हमरा पर सहाय,

अइलों बड़ बड़ आस लगायल,

होहियो हमरा पर सहाय,

एक बेरी फेरी दियौ,

हो एक बेरी फेरी दियौ,

गरीब पर नजरिया,

अहाँ के दुअरिआ ना ॥


हम बाघम्बर झारी ओछायब,

डोरी डमरू के सरियाएब,

हम बाघम्बर झारी ओछायब,

डोरी डमरू के सरियाएब,

कखनो झारी बुहराब,

हो कखनो झारी बुहराब,

बसहा के डगरिया,

अहाँ के दुअरिया ना ॥


हम गंगाजल भरी भरी लायब,

बाबा बैजू के चढ़ायब,

हम गंगाजल भरी भरी लायब,

बाबा बैजू के चढ़ायब,

बेलपत चन्दन हो बेलपत चन्दन,

चढ़ायब फूल केसरिया,

अहाँ के दुअरिया ना ॥


कतेक अधम के अहाँ तारलों,

कतेक पतित के उबारलों,

कतेक अधम के अहाँ तारलों,

कतेक पतित के उबारलों,

बाबा एक बेर फेरी दियौ,

हमरो पर नजरिया, अहाँ के दुअरिया ना,

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी,

भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना ॥

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गल मोत्यां को हार, सिर चुनड़ चमकदार (Gal Motiyan Ko Haar Sir Chunad Chamakdar)

गल मोत्यां को हार,
सिर चुनड़ चमकदार,

सुहागिनों के लिए क्यों खास है गणगौर

गणगौर व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की श्रद्धा, प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै (Domin Beti Soop Nene Thadh Chhe)

डोमिन बेटी सुप नेने ठाढ़ छै
उगऽ हो सुरुज देव,

भक्त तेरे बुलाये हनुमान रे (Bhakt Tere Bulaye Hanuman Re)

भक्त तेरे बुलाये हनुमान रे,
तुझे आज रे,

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