हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने (Ho Ho Balaji Mera Sankat Kato Ne)

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,

हो इधर उधर न डोल रहया,

मेरे दिल ने डाटो न,

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥


तेरे भवन प आगी बाबा,

दया करो न मेरे प,

तेरे चरणां में शीश नवाऊँ,

धज्जा चढ़ाऊँ तेरे प,

दुर दुर तं दुखिया आवं,

मेंहदीपुर डेरे प,

तेरे चरणां में आण पड़ी,

मेरा साटा साटो न ।


हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,

हो इधर उधर न डोल रहया,

मेरे दिल ने डाटो न,

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥


सासु जी भी न्युं बोली तुं,

बिल्कुल बांझ लुगाई स,

आपणे पीहर चाली जा,

आड़ः के तेरी असनाई स,

छोटा देवर न्युं बोला या,

छलिया घणी लुगाई स,

घर तं बेघर करण लाग रहे,

दुख ने काटो न ।


हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,

हो इधर उधर न डोल रहया,

मेरे दिल ने डाटो न,

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥


तेरे भवन प आगी बाबा,

गोद भरा क जाऊँगी,

मेरी कामना पुरी करदे,

फेर भवन प आऊँगी,

यो अहसान मेरे प करदे,

दुनिया में गुण गाऊँगी,

ताने सुण सुण रूप बिगड़ गया,

रंग ने छाटो न ।


हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,

हो इधर उधर न डोल रहया,

मेरे दिल ने डाटो न,

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥


कह मुरारी तेरे भवन का,

दुनिया के महां बैरा स,

दुख चिंता में शरीर पड़ा,

यो चारों ओर अँधेरा स,

और जुल्म मै सहन ना सकती,

इतणा कष्ट भतेरा स,

जै कोये खत होई मेरे तं,

बेसक नाटो न ।


हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,

हो इधर उधर न डोल रहया,

मेरे दिल ने डाटो न,

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥


हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने,

हो इधर उधर न डोल रहया,

मेरे दिल ने डाटो न,

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो न ॥

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राम नाम जपते रहो, जब तक घट घट मे प्राण (Ram Nam Japte Raho, Jab Tak Ghat Ghat Me Ram)

राम नाम जपते रहो,
जब तक घट घट मे प्राण ।

बाबा करले तू इत्थे भी नजर भगत कोई रोता होवेगा (Baba Karle Tu Ithe Bhi Nazar Bhagat Koi Rota Hoyega)

बाबा करले तू इत्थे भी नजर,
भगत कोई रोता होवेगा,

रक्षाबंधन की पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हर साल सावन माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। हालांकि, इस दिन भद्रा काल का साया भी रहेगा, जिसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं होता।

छठि मैया बुलाए (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू
बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू

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