मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो (Mero Lala Jhule Palna Nit Hole Jhota Dijo)

मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो

नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजो


मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो

नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजो


मथुरा में जाको जनम लियो है, मतुरा में जाको जनम लियो है

गोकुल में झुले पालना, नित होले झोटा दीजो॥ मेरो लाला झूले पालना ॥


काहे को जाको बनो है पालनो, काहे को जाको बनो है पालनो

काहे के लागे फूलना, नित होले झोटा दीजो॥ मेरो लाला झूले पालना ॥


रत्न जड़ित जाको बनो है पालनौ, रत्न जड़ित जाको बनो है पालनौ

रेशम के लागे फूलना, नित होले झोटा दीजो॥ मेरो लाला झूले पालना ॥


चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि, चन्द्र सखी भेज बाल कृष्ण छवि

चीरजीवो ये लालना, नित होले झोटा दीजो॥ मेरो लाला झूले पालना ॥


मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो

नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजो

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रवि प्रदोष व्रत के उपाय

हिंदू धर्म में, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है।

बजरंगी बलशाली, तेरा पार ना कोई पाए (Bajrangi Balshali Tera Paar Na Koi Paye)

बजरंगी बलशाली,
तेरा पार ना कोई पाए,

शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व

शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, होली के सात दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है।

बुध प्रदोष व्रत, नवंबर 2024

सनातन धर्म में प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व है, जैसे एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है, वैसे ही त्रयोदशी तिथि महादेव भगवान शिव की प्रिय तिथि मानी जाती है।

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