है सहारा अब मुझे तो, राम सकल गुणधाम का (Hai Sahara Ab Mujhe To Ram Sakal Gundham Ka)

हो के नाचूं अब दिवाना,

मैं प्रभु श्रीराम का,

है सहारा अब मुझे तो,

राम सकल गुणधाम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


कुटिया को पावन कर डाली,

शबरी के घर जाय के,

धन्य शबरी को कर डाली,

बैर झूठे खाय के,

अपने घर प्रभू को बुलाया,

नाम जप कर राम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


तारी जैसे गौतम नारी,

एक ठोकर मार के,

मेरी भी किस्मत जगादो,

एक ठोकर मार के,

एक वर दे दो प्रभू जी,

मुझको भक्ति दान का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


तुमने लाखों को है तारा,

मुझपे भी कर दो दया,

मैं हूं एक बालक छोटा सा,

शरण तुम्हारी आ गया,

‘शिव’ के घट में भी जलादो,

एक दीपक ज्ञान का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


हो के नाचूं अब दिवाना,

मैं प्रभु श्रीराम का,

है सहारा अब मुझे तो,

राम सकल गुणधाम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥

........................................................................................................
श्री विश्वकर्मा जी की आरती (Shri Vishwakarma Ji Ki Aarti)

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर, आवो प्रभु विश्वकर्मा।
सुदामा की विनय सुनी और कंचन महल बनाये।

जय जयकार माता की (Jai Jaikaar Karo Mata Ki)

जय जयकार माता की,
आओ शरण भवानी की

जानें कब है लक्ष्मी पंचमी

हिन्दू धर्म में लक्ष्मी पंचमी का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्यवसायी और व्यापारियों को अपने दुकान पर माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

गुड़ी पड़वा के दिन क्या करें क्या नहीं

गुड़ी पड़वा का पर्व हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 30 मार्च को पड़ रहा है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।