बजरंगी बलशाली, तेरा पार ना कोई पाए (Bajrangi Balshali Tera Paar Na Koi Paye)

बजरंगी बलशाली,

तेरा पार ना कोई पाए,

लक्ष्मण को लगी शक्ति,

लक्ष्मण को लगी शक्ति,

संजीवनी ले आए,

बजरँगी बलशाली,

तेरा पार ना कोई पाए ॥


श्री राम की सेना में,

जब शोक लहर दौड़ी,

तब वैद्य शुषेण को तुम,

तब वैद्य शुषेण को तुम,

लंका से बुला लाए,

बजरँगी बलशाली,

तेरा पार ना कोई पाए ॥


सभा बीच विभीषण ने,

जब तुमको ललकारा,

तब फाड़ दिया सीना,

तब फाड़ दिया सीना,

सियाराम दिखलाए,

बजरँगी बलशाली,

तेरा पार ना कोई पाए ॥


सिता की खोज करी,

लंका को जला डाला,

बलबुद्धि का परिचय,

बलबुद्धि का परिचय,

तुम सब को बतलाए,

बजरँगी बलशाली,

तेरा पार ना कोई पाए ॥


बजरंगी बलशाली,

तेरा पार ना कोई पाए,

लक्ष्मण को लगी शक्ति,

लक्ष्मण को लगी शक्ति,

संजीवनी ले आए,

बजरँगी बलशाली,

तेरा पार ना कोई पाए ॥

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बोलो जय जयकारे (Bolo Jay Jaikare)

ऊँचे ऊँचे भवनों बैठी रुप अनेकों धारे,
चरण चाकरी कर लो भैया,

म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे सांवरा गिरधारी (Mari Hundi Swikaro Maharaj Re)

म्हारी हुंडी स्वीकारो महाराज रे,
सांवरा गिरधारी,

होलिका दहन की राख शुभ है या अशुभ?

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है। कुछ जगह मान्यता है कि होलिका में राक्षस हिरण्यकश्युप की बहन होलिका जल गईं थीं इसलिए ये अशुभता का प्रतीक है।

क्यों मनाते हैं रथ सप्तमी

रथ सप्तमी सनातन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह त्योहार 4 फरवरी को मनाई जाएगी।

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