बजरंगी महाराज, तुम्हे भक्त बुलाते है (Bajrangi Maharaj Tumhe Bhakt Bulate Hai)

बजरंगी महाराज,

तुम्हे भक्त बुलाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


अज्ञान बालक है,

चरणों के पायक है,

तू ही सिरमौर है,

नादान बिलकुल है,

ये बात सच्ची है,

तेरे बिन नहीं और है,

बैठे ले उम्मीद,

तुमको आज रिझाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


तुम वीर बलकारी,

शंकर के अवतारी,

अजब तेरी शान है,

तू राम का प्यारा,

तू श्याम का प्यारा,

बड़ा तू गुणवान है,

जल्दी आ जाओ,

तेरी ज्योत जलाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


भक्ति का दाता है,

शक्ति का दाता है,

वीर बलधारी हो,

जो भी शरण आया,

खाली ना लौटाया,

बड़े उपकारी हो,

अभय दान दे दो,

यही आस लगाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


दीनो के हितकारी,

अर्जी सुनो म्हारी,

प्रभु सिर हाथ धरो,

लेकर तुम्हारा नाम,

करते तुम्हे प्रणाम,

हमें भव पार करो,

‘जयराम’ बलिहारी,

तुम्हे भजन सुनाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥


बजरंगी महाराज,

तुम्हे भक्त बुलाते है,

तुम्हे शीश झुकाते है ॥

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मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया (Mere O Sanware Tune Kya Kya Nahi Kiya)

मेरे ओ सांवरे,
तूने क्या क्या नहीं किया,

वायुदेव की पूजा विधि क्या है

सनातन धर्म में वायु देवता बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वेदों में इनका कई बार वर्णन मिलता है और इन्हें भीम का पिता और हनुमान के आध्यात्मिक पिता माना जाता है। वायु पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) में से एक है और इसे जीवन का आधार माना जाता है।

मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे(Meri Jholi Chhoti Padgayi Re Itna Diya Meri Mata)

मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे,
इतना दिया मेरी माता।

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा(Holi Khel Rahe Banke Bihari Aaj Rang Baras Raha)

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा
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