माँ शारदे वंदना, हे शारदे माँ (Bhajan Maa Sharade Vandana)

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे,

हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे,

हम हैं अकेले, हम हैं अधूरे,

तेरी शरण मे, हमें प्यार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


मुनियों ने समझी, गुणियों ने जानी,

वेदों की भाषा, पुराणों की बानी,

हम भी तो समझें, हम भी तो जानें,

विद्या का हमको, अधिकार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।


तु श्वेतवर्णी, कमल पे बिराजे,

हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे,

मन से हमारे, मिटा दे अंधेरे,

हमको उजालों का, संसार दे माँ ।


हे शारदे माँ, हे शारदे माँ

अज्ञानता से हमें तार दे माँ ।

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गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ (Govind Chale Aao, Gopal Chale Aao)

गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ,

बोली गौरी सुनो भोला, बात मेरी ध्यान से सुनलो (Boli Gaura Suno Bhola Baat Meri Dhyan Se Sunlo)

बोली गौरी सुनो भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो,

मासिक शिवरात्रि के दिन यह भोग लगाएं

मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित विशेष पर्व है, जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।

केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके

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