Hari Sundar Nand Mukunda Lyrics (हरि सुंदर नंद मुकुंदा)

हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ

हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ


हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ

हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ


हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ

हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ

हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ


हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ


वन्माली मुरलीधारी

गोवर्धन गिरिवर्धारी

वन्माली मुरलीधारी

गोवर्धन गिरिवर्धारी

नित नित कर माखन चोरी

गोपी मन हारी


आओ रे गाओ रे गोकुल के प्यारे

आओ रे कान्हा रे गोकुल के प्यारे

आओ रे नाचो रे रास रचाओ रे

गाओ रे नाचो रे रास रचाओ रे


हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ


हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ

हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ


हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ


हे मोर मुकुट गिरधारी

कान्हा पीताम्भर धारी

हे मोर मुकुट गिरधारी

कान्हा पीताम्भर धारी

गोपियाँ संग रास रचाये

मोहन मुरली धारी


आओ रे आओ रे मोहन गिरधारी

आओ रे कान्हा रे हे कृष्णा मुरारी

आओ रे नाचो रे रास रचाओ रे

गाओ रे नाचो रे रास रचाओ रे


हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ


हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ

हरि केशव हरि गोविंद

हरि नारायण हरि ॐ


हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ

हरि सुंदर नंद मुकुंदा

हरि नारायण हरि ॐ

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सावन की बरसे बदरिया(Sawan Ki Barse Badariya Maa Ki Bhingi Chunariya)

सावन की बरसे बदरिया
सावन की बरसे बदरिया,

चैत्र और शारदीय नवरात्रि में अंतर

सनातन परंपरा में नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहला चैत्र के महीने में, जिससे हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है, जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। दूसरा, आश्विन माह में आता है, जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं।

रंगीलो मेरो बनवारी(Rangilo Mero Banwari)

मोहिनी मूरत प्यारी,
रंगीलो मेरो बनवारी,

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