भक्ति और शक्ति के दाता, रामचरण से जिनका नाता (Bhakti Aur Shakti Ke Data Ram Charan Se Jinka Nata)

भक्ति और शक्ति के दाता,

रामचरण से जिनका नाता,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


राम बिना जिनको कुछ भी ना ध्यावे,

राम में हरदम जो ध्यान लगावे,

राम करे जो भी बजरंग कराएं – २,

पर ना कभी दिल में अभिमान लाए,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


जिसके हो सर प्रभु कर हमेशा,

ऐसा ना सेवक अभी तक है देखा,

प्राण ना प्यारे प्रभु जिनको प्यारे- २,

ऐसे ही है यह पवन के दुलारे,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


रावण को ललकारा लंका में जाकर,

लक्ष्मण बचाए थे पर्वत उठाकर,

रामजी जिनको भरत सम बताएं,

काल भी है जिनसे आंख चुराए,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


राम की भक्ति का मार्ग बता दो,

बाधा अनेकों इन्हें तुम हटा दो,

राम से कैसे मिलन हो हमारा,

श्याम कहे कर दो कारज हमारा,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥


भक्ति और शक्ति के दाता,

रामचरण से जिनका नाता,

म्हारा बजरंगबली,

म्हारा बजरंगबली ॥

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थाईपुसम क्यों मनाया जाता है

हिंदू धर्म में, थाईपुसम एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। यह त्योहार विशेषकर तमिल समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार माघ माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शंकर भगवान के बड़े पुत्र भगवान मुरुगन यानि कार्तिकेय की पूजा की जाती है।

आली री मोहे लागे वृन्दावन नीको ( (Aali Ri Mohe Lage Vrindavan Neeko)

लागे वृन्दावन नीको,
सखी मोहे लागे वृन्दावन नीको।

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने(Kirtan Racho Hai Mhare Angane)

कीर्तन रचो है म्हारे आंगने,
आओ-आओ गौरा जी रा लाल,

होलाष्टक में करें इन देवी-देवताओं की पूजा

होलाष्टक का समय फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा (होलिका दहन) तक रहता है। यह अवधि अशुभ मानी जाती है, इसलिए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते।

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