भोले बाबा का ये दर (Bhole Baba Ka Ye Dar)

भोले बाबा का ये दर,

भक्तों का बन गया है घर,

बाबा की महिमा न्यारी,

है तू सबका हितकारी,

देखो लोग हजारों रोज,

यहां पर आते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


उज्जैन में बाबा जी ने,

डेरा लगाया है,

बाबा के भक्तों ने यहां,

मेला लगाया है,

उज्जैन की महिमा न्यारी,

गाती यह दुनिया सारी,

माँ शिप्रा में नहाके,

सब दर्शन करने आते,

जयकारा बम बम,

भोले नाथ लगाते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


बाबा के दर पे जिसने,

अर्जी लगाई है,

भक्तों की बाबा ने सदा,

बिगड़ी बनाई है,

बाबा सबकी इच्छाएं,

पल भर में पूरी करते,

सुख संपति दे भक्तों को,

भक्तों के दुख हैं हरते,

जो बाबा जी की चरण,

शरण में आते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


भोले बाबा का ये दर,

भक्तों का बन गया है घर,

बाबा की महिमा न्यारी,

है तू सबका हितकारी,

देखो लोग हजारों रोज,

यहां पर आते हैं,

अपने प्यारे महाकाल,

का दर्शन पाते हैं ॥


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कन्हैया ने जब पहली बार बजाई मुरली, सारी सृष्टि में आनंद की लहर दौड़ी

मुरलीधर, मुरली बजैया, बंसीधर, बंसी बजैया, बंसीवाला भगवान श्रीकृष्ण को इन नामों से भी जाना जाता है। इन नामों के होने की वजह है कि भगवान को बंसी यानी मुरली बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण मुरली बजाते भी उतना ही शानदार हैं।

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

सुनो सुनो, सुनो सुनो
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जन्मे अवध में, दशरथ के ललना (Janme Awadh Mein Dashrath Ke Lalna)

जन्मे अवध में,
दशरथ के ललना,

लक्ष्मी पंचमी पर करें लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ

लक्ष्मी पंचमी का त्योहार मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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