भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे - भजन (Bhole Bhandari Sabke Hi Bhandar Bhare)

शिव है दयालु, शिव है दाता

शिव पालक है इस श्रिष्टि के


भोले भंडारी, ओ

भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे

भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे


भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे

भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे


जय जय विश्वनाथ शंभु

जय जय नीलकंठ शंभु

जय जय चन्द्र भाल शंभु

जय जय महाकाल शंभु


मायापति की माया का अंत होता ही नहीं

उनके द्वारे किसी बात की कमी नहीं


बस भावना के उनको दो फूल अर्पण कीजिये

देवो के देव से फिर चाहे जो भी लीजिये

कोई तीनों लोक में ऐसा और दाता ना

जिनके शिवालय से तो खाली कोई जाता ना


भक्तो के, हो

सब भक्तो के सपने वो साकार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे


भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे

भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे


जय जय विश्वनाथ शंभु

जय जय नीलकंठ शंभु

जय जय चन्द्र भाल शंभु

जय जय महाकाल शंभु


शिव चरणों में अपने ये सर झुका के देखिये

काया पलट देंगे शिव, आज़माके देखिये


महादेव डमरू वाले की लीला ही महान है

बड़े बड़े महा दानी लेने आते दान है

भस्मीरमाए बैठे जो है कैलाश में

वो ही छुपे भक्तो के मन के विश्वास में


ना जाने, हो

ना जाने वो कब किसपे उपकार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे


भोले भंडारी, ओ

भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे

जो पूजे उनको, उनका वो उद्धार करे

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बुधवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और बुधवार को उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।

सकट चौथ पर चांद की पूजा क्यों होती है

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न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥

जन्मे अवध रघुरइया हो (Janme Awadh Raghuraiya Ho)

जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
रूप मे अनूप चारो भइया हो,

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