भोले ने जिसे चाहा, मस्ताना बना डाला (Bhole Ne Jise Chaha Mastana Bana Dala)

भोले ने जिसे चाहा,

मस्ताना बना डाला ॥

दोहा – व्याघंबरम भस्मामबरम,

जटा जूट लिबास,

आसान जमाए बैठे है,

कृपा सिंधु कैलाश ॥


भोले ने जिसे चाहा,

मस्ताना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥


दोहा – अकाल मृत्यु वो मरे,

जो काम करे चांडाल का,

काल उसका क्या बिगाड़े,

जो भक्त हो महाकाल का ॥


भोलें ने जिसे चाहा,

दीवाना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥


दोहा – भोले ने अपने भगतो को,

क्या कुछ नहीं दिया,

जो मांगा फल भक्तो ने,

प्रभु तुमने दान किया,

खुद पीते है जहर का प्याला,

मेरे भोले नाथ,

और भक्तो को अपने बाबा ने,

अमृत दान दिया ॥


भोलें ने जिसे चाहा,

दीवाना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥


दोहा – एक बिलिपत्रम एक पुष्पम,

एक लोटा जल की धार,

दयालु रीझ कर देते है,

चंद्र मौली फल चार,

महाकाल के दर ‘अंकित’,

भक्तो की भीड़ लगी देखी,

हर एक की झोली,

बाबा के दर पर भरी देखी ॥


भोलें ने जिसे चाहा,

दीवाना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥

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राम तुम्हारे आने से सुखधाम बना ये जग सारा: भजन (Ram Tumhare Aane Se Sukhdham Bana Ye Jag Sara)

हे राम तुम्हारे आने से सुखधाम बना ये जग सारा,
संपूर्ण सनातन पुलकित है जप जप के राम तेरी माला ॥

कोई ऐसी खोल नहीं है (Koi Aisi Khol Nahin)

कोई ऐसी खोल नहीं है,
जिसमें तू छुप पायेगा ॥

28 या 29 जनवरी, कब है मौनी अमावस्या?

हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

काल भैरव के 108 मंत्र

मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती मनाई जाती है, जिसे कालभैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है।

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