भोले ने जिसे चाहा, मस्ताना बना डाला (Bhole Ne Jise Chaha Mastana Bana Dala)

भोले ने जिसे चाहा,

मस्ताना बना डाला ॥

दोहा – व्याघंबरम भस्मामबरम,

जटा जूट लिबास,

आसान जमाए बैठे है,

कृपा सिंधु कैलाश ॥


भोले ने जिसे चाहा,

मस्ताना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥


दोहा – अकाल मृत्यु वो मरे,

जो काम करे चांडाल का,

काल उसका क्या बिगाड़े,

जो भक्त हो महाकाल का ॥


भोलें ने जिसे चाहा,

दीवाना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥


दोहा – भोले ने अपने भगतो को,

क्या कुछ नहीं दिया,

जो मांगा फल भक्तो ने,

प्रभु तुमने दान किया,

खुद पीते है जहर का प्याला,

मेरे भोले नाथ,

और भक्तो को अपने बाबा ने,

अमृत दान दिया ॥


भोलें ने जिसे चाहा,

दीवाना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥


दोहा – एक बिलिपत्रम एक पुष्पम,

एक लोटा जल की धार,

दयालु रीझ कर देते है,

चंद्र मौली फल चार,

महाकाल के दर ‘अंकित’,

भक्तो की भीड़ लगी देखी,

हर एक की झोली,

बाबा के दर पर भरी देखी ॥


भोलें ने जिसे चाहा,

दीवाना बना डाला,

एक मस्त नजर डाली,

मस्ताना बना डाला,

महाकाल ने भक्तो को,

दीवाना बना डाला ॥

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मंत्र जाप के लाभ

‘मंत्र’ शब्द संस्कृत भाषा से आया है। यहां 'म' का अर्थ है मन और 'त्र' का अर्थ है मुक्ति। मंत्रों का जाप मन की चिंताओं को दूर करने, तनाव और रुकावटों को दूर करने एवं आपको बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करने का एक सिद्ध तरीका है।

भज गोविन्दम्, भज गोविन्दम् - भजन (Bhaja Govindam, Bhaja Govindam)

भज गोविन्दम् भज गोविन्दम्,
गोविन्दं भज मूढ़मते।

नामवली: रामायण मनका 108(Namavali: Ramayan Manka 108)

रघुपति राघव राजाराम ।
पतितपावन सीताराम ॥

बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई (Bansi Bajake Meri Nindiya Churai)

बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई,
लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई,

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