भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में (Bholenath Base Jyotirling Mein)

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में,

महिमा जिनकी है भारी,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

सारा जहाँ,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में ॥


ऊचे पर्वत पे देखो,

बाबा केदारनाथ है,

विश्वनाथ जी का भक्तो,

काशी में धाम है,

श्री शेल में मल्लिकार्जुन,

करते है दया,

भोलेनाथ बसें ज्योतिर्लिंग में,

महिमा जिनकी है भारी,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

सारा जहाँ,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे ॥


चिता भूमि वैघनाथ जी,

दारुक वन नागेश है,

सेतुबंद रामेश्वर जी,

वेरुन में भुश्मेश है,

ताकनी में भीमा शंकर,

सुनते है सदा,

भोलेनाथ बसें ज्योतिर्लिंग में,

महिमा जिनकी है भारी,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

सारा जहाँ,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे ॥


अमरेश्वर ओंकारेश्वर,

एक लिंग के भाग है,

महाकाल उज्जैन विराजे,

दर्शन से लाभ है,

ज्योतिर्लिंग के दर्शन से,

होता है भला,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में,

महिमा जिनकी है भारी,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

सारा जहाँ,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे ॥


गौतमी किनारे बाबा,

त्रयम्भकेश्वरनाथ है,

वीरावल सौराष्ट्र में,

बाबा सोमनाथ है,

‘हर्ष’ कहे पाप से मुक्ति,

मिलती है यहाँ,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग मे,

महिमा जिनकी है भारी,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

सारा जहाँ,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में ॥


भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में,

महिमा जिनकी है भारी,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

बारह ज्योतिर्लिंग को पूजे,

सारा जहाँ,

भोलेनाथ बसे ज्योतिर्लिंग में ॥

........................................................................................................
मेरे घर गणपति जी है आए (Mere Ghar Ganpati Ji Hai Aaye)

मेरे घर गणपति जी है आए,
मेरे घर गणपति जी है आये,

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने (Ho Ho Balaji Mera Sankat Kato Ne)

हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने
हो इधर उधर न डोल रहया,

वैकुंठ चतुर्दशी का महत्व

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इसे कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। यह कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले आता है और देव दिवाली से भी संबंधित है।

शिव ताण्डव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)

जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने